Mayawati Rally: भारतीय राजनीति की विरासत कांशीराम की पुण्यतिथि 9 अक्टूबर को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की रैली में मनाई गई। इस रैली ने कई मायनों में पारंपरिक आयोजनों से अलग संदेश दिया। आम तौर पर पुण्यतिथि पर बसपा के मंच पर सुप्रीमो अकेले सोफे पर बैठती थी, जबकि उनके पीछे केवल कुछ महत्वपूर्ण नेता मौजूद रहते थे।
मायावती के साथ मंच पर पांच प्रमुख नेता
आपको बता दे कि, 9 अक्टूबर 2025 की रैली में यह सन्नाटा हटता नजर आया। मायावती सोफे पर बैठी, लेकिन उनके बराबर में पांच प्रमुख नेता विराजमान थे। यह संकेत माना जा रहा है कि पार्टी में इन नेताओं को विशेष जिम्मेदारी दी गई है। इस अवसर पर किसी प्रकार का ऊंच-नीच का दंभ नहीं था, सभी नेताओं को बराबरी का दर्जा मिला।
आकाश आनंद की विशेष भूमिका
मंच पर मायावती के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद उनकी बराबरी वाली कुर्सी पर बैठे। यह संकेत माना जा रहा है कि पार्टी में मायावती के बाद दूसरे नंबर पर आकाश ही हैं। मायावती ने अपने संबोधन में आकाश की सराहना करते हुए कहा कि वह अब पूरी लगन और मेहनत से पार्टी को मजबूती देने और जनाधार बढ़ाने में जुटे हैं।
आकाश आनंद ने किया मायावती का धन्यवाद
आकाश आनंद ने मंच से सभी का और मायावती का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि पार्टी के लोग हमेशा उनके साथ खड़े रहें और उनके नेतृत्व में बसपा को मजबूती दें। इस मौके पर आकाश ने कांशीराम की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें याद किया। मंच पर आकाश के बगल में उनके पिता और बसपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद की कुर्सी रही। चौथी कुर्सी पर महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा बैठें, जिनके बेटे ने मेडिकल शिविर की व्यवस्था की थी। पांचवें नंबर पर पार्टी के एकमात्र विधायक उमाशंकर सिंह और सबसे किनारे पर प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल थे। मायावती ने सभी की सराहना की।
मंच पर कुर्सियों की व्यवस्था से प्रदेश और पार्टी कार्यकर्ताओं को यह संदेश दिया गया कि बसपा सभी वर्गों के लिए बराबरी और समानता की राजनीति करती है। मायावती ने मंच से स्पष्ट किया कि पार्टी का उद्देश्य सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय है।
कांशीराम के मार्ग पर चलने का लिया संकल्प
आकाश आनंद ने अपने भाषण में कांशीराम के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया और पार्टी में उन्हें महत्वपूर्ण स्थान देने के लिए मायावती को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि वह पार्टी की मजबूती और जनाधार बढ़ाने में पूरी लगन से जुटेंगे। एक समय था जब मायावती ने आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित किया था, लेकिन बाद में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में उन्हें निष्कासित कर दिया गया। इसके बाद पुनः उन्हें पार्टी में शामिल किया गया और हाल ही में उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई।
