Michael Clarke का cancer मुकाबला, क्रिकेट जगत में सहानुभूति की लहर

Chandan Das
Michael Clarke

Michael Clarke : ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के दिग्गज और 2015 के विश्व कप विजेता कप्तान माइकल क्लार्क की सेहत को लेकर उनके प्रशंसक चिंतित हैं। क्लार्क ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा कर बताया कि वे अस्पताल के बिस्तर पर हैं और उनका लंबे समय से चल रहा त्वचा कैंसर फिर से सक्रिय हो गया है। इस खबर से उनके फैंस हैरान और दुखी हैं।

लंबे समय से चल रहा है कैंसर से संघर्ष

माइकल क्लार्क को 2006 में पहली बार त्वचा कैंसर का पता चला था। तब से वे इस बीमारी से जूझ रहे हैं और समय-समय पर अपनी बीमारी और सावधानी के बारे में फैंस को जागरूक करते रहे हैं। बुधवार सुबह भारतीय समयानुसार, उन्होंने अपनी अस्पताल में बिस्तर पर लेटी हुई एक तस्वीर पोस्ट की और लिखा, “त्वचा कैंसर एक बहुत ही गंभीर समस्या है, खासकर ऑस्ट्रेलिया जैसे देश में जहाँ धूप का प्रभाव अधिक होता है। मेरी नाक से भी आज कैंसर का एक हिस्सा निकाला गया है। मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे अपनी त्वचा की नियमित जांच कराएं। यह बीमारी जल्दी पकड़ में आ जाए तो इलाज संभव है।” उन्होंने अपने डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ का भी धन्यवाद दिया।

पहले भी हो चुके हैं कैंसर के घाव

2019 में भी माइकल क्लार्क के शरीर पर तीन गैर-मेलेनोमा कैंसर घाव पाए गए थे। उस वक्त भी उन्होंने सोशल मीडिया पर युवाओं से धूप से सावधानी बरतने और त्वचा की देखभाल करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था, “आज फिर मेरे चेहरे से एक और कैंसर हटाया गया। युवाओं से अनुरोध है कि धूप में बिना सुरक्षा के बाहर न निकलें।”

क्रिकेट करियर की एक झलक

माइकल क्लार्क ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत 2003 में की थी। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए 115 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने कुल 8,643 रन बनाए। इसके अलावा, उन्होंने 245 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में 7,981 रन किए। 2015 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। उसी वर्ष उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम को एकदिवसीय विश्व कप जीताने में नेतृत्व भूमिका निभाई थी। क्लार्क को उनके आक्रामक बल्लेबाजी और बेहतरीन कप्तानी के लिए याद किया जाता है।

त्वचा कैंसर की समस्या और जागरूकता

ऑस्ट्रेलिया में त्वचा कैंसर का प्रकोप बहुत अधिक है, खासकर तेज धूप और ओजोन परत की कमी के कारण। माइकल क्लार्क जैसे क्रिकेटर्स द्वारा जागरूकता फैलाना इस बीमारी से बचाव के लिए बेहद जरूरी है। नियमित जांच, सनस्क्रीन का इस्तेमाल और धूप से बचाव इस बीमारी के खिलाफ सबसे महत्वपूर्ण कदम हैं।

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