Bids Farewell to MiG 21: भारतीय वायुसेना का ऐतिहासिक लड़ाकू विमान MiG-21 आज आखिरी बार उड़ान भरेगा और औपचारिक रूप से सेवा से बाहर हो जाएगा। शुक्रवार, सुबह 11 बजे चंडीगढ़ एयरपोर्ट से यह विमान अंतिम बार उड़ान भरेगा। खास बात यह है कि इस विदाई फ्लाईपास्ट को एयरफोर्स चीफ वीआर चौधरी खुद लीड करेंगे और उनके साथ 23 स्क्वाड्रन के 6 फाइटर जेट शामिल होंगे।
इस ऐतिहासिक मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, CDS जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहेंगे। इस विदाई के बाद अब तेजस LCA मार्क-1A वायुसेना में MiG-21 की जगह लेगा।
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कैसे बना MiG-21 भारतीय वायुसेना की रीढ़?
MiG-21 को भारतीय वायुसेना में 1963 में शामिल किया गया था। यह भारत का पहला सुपरसोनिक फाइटर जेट था, जिसे रक्षा मंत्री वी.के. कृष्ण मेनन के नेतृत्व में सोवियत संघ से मंगवाया गया था।
1961 में रूस से डील हुई
1962 में दो स्क्वाड्रन शामिल
1963 में आधिकारिक कमीशनिंग
साल 1967 से भारत में ही इसका असेंबलिंग कार्य शुरू हुआ, जिसकी जिम्मेदारी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को दी गई। भारत ने कुल 872 MiG-21 विमान खरीदे थे, जिनमें से लगभग 400 विमान हादसों का शिकार हुए, जिससे इसे “उड़ता ताबूत” और “विडो मेकर” जैसे नाम भी दिए गए।
युद्धों और अभियानों में निभाई अहम भूमिका
MiG-21 ने कई बड़े युद्धों और सैन्य अभियानों में हिस्सा लिया और अपना लोहा मनवाया।
1965 भारत-पाक युद्ध
पहली बार MiG-21 ने पाकिस्तानी वायुसेना के अमेरिकी फाइटर जेट को ढेर किया।
1971 का युद्ध
पाकिस्तान के कई एयरबेस को तबाह करने में MiG-21 की भूमिका अहम रही।
1999 कारगिल युद्ध
MiG-21 ने रात में उड़ान भरकर दुश्मन के ठिकानों पर निशाना साधा।
2019 बालाकोट एयर स्ट्राइक
अभिनंदन वर्धमान ने इसी विमान से उड़ान भरकर पाकिस्तानी F-16 को मार गिराया।
2025 ऑपरेशन सिंदूर
इस ऑपरेशन में भी MiG-21 ने उड़ान भरकर आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त किया।
क्यों कहा जाता है ‘उड़ता ताबूत’?
MiG-21 भले ही एक ऐतिहासिक फाइटर जेट रहा हो, लेकिन इसके साथ दुर्घटनाओं का इतिहास भी जुड़ा रहा है। जिसमें अब तक 400 से ज्यादा हादसे, 200 से ज्यादा पायलटों की शहादत हुए। इसके अलावा पुरानी तकनीक, जर्जर कलपुर्जे, रखरखाव की कठिनाई हो रही है। इन्हीं कारणों से इसे ‘Flying Coffin’ कहा जाने लगा। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने धीरे-धीरे इसे सेवा से हटाना शुरू किया।
अब तेजस लेगा जगह
MiG-21 की सेवानिवृत्ति के बाद अब स्वदेशी तेजस LCA Mark-1A इसकी जगह लेगा। तेजस न केवल आधुनिक है, बल्कि इसमें अपग्रेडेड एवियोनिक्स, वेपन सिस्टम और फ्लाइट कंट्रोल है जो भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
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