MK Stalin Bihar visit: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी बुधवार, 27 अगस्त को बिहार पहुंचे, जहां उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में हिस्सा लिया। लेकिन उनके आगमन के तुरंत बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस दौरे का जोरदार विरोध किया और इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं दीं।बीजेपी प्रवक्ता नारायण तिरुपति ने एम.के. स्टालिन को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें हिम्मत है, तो वे बिहार और उत्तर भारत को लेकर दिए गए पुराने विवादित बयानों को दोबारा दोहराएं। उन्होंने स्टालिन के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान को भी निशाने पर लिया।
बीजेपी ने याद दिलाया पुराना विवाद
बीजेपी ने स्टालिन पर सीधे निशाना साधते हुए कहा कि डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने दिसंबर 2023 में उत्तर भारतीयों, विशेषकर बिहारी मजदूरों, के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। उस बयान में मारन ने कहा था कि “तमिलनाडु में बिहारी लोग टॉयलेट साफ करते हैं।” बीजेपी का आरोप है कि ऐसे नेताओं को बिहार की धरती पर कदम रखने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।नारायण तिरुपति ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा,“अगर स्टालिन में दम है, तो वे अपने बेटे उदयनिधि का ‘सनातन धर्म खत्म करो’ वाला बयान और अपने रिश्तेदार मारन का बिहारी विरोधी बयान बिहार की जनता के सामने दोहराकर दिखाएं।”
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राहुल-तेजस्वी के साथ साझा किया मंच
हालांकि, एम.के. स्टालिन ने इस विवाद पर प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया नहीं दी। लेकिन उन्होंने अपने दौरे को लेकर एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:“बिहार पहुंच गया हूं। लालू प्रसाद यादव की धरती मेरी आंखों में आग और दिल में दर्द लेकर मेरा स्वागत कर रही है। इस मिट्टी पर हर चुराए गए वोट का बोझ है। मैं राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ उस यात्रा में शामिल हूं, जो लोगों के दर्द को ताकत में बदल देती है।”स्टालिन का यह बयान सीधे तौर पर भाजपा के खिलाफ राजनीतिक संदेश माना जा रहा है।
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बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने
गौरतलब है कि बिहार में साल के अंत में विधानसभा चुनाव संभावित हैं। ऐसे में राहुल गांधी की यह ‘वोटर अधिकार यात्रा’ विपक्षी एकता की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है। स्टालिन और रेवंत रेड्डी जैसे दक्षिण भारतीय नेताओं की इसमें भागीदारी विपक्ष के व्यापक गठबंधन का संकेत है।हालांकि बीजेपी इस एकता को ‘दिखावा’ बता रही है और स्टालिन जैसे नेताओं के पुराने बयानों को लेकर जनता को सतर्क कर रही है।
