Mobile Manufacturing: इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर एक लेख साझा करते हुए लिखा कि,भारत की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत स्मार्टफोन निर्यात ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है।चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में ही स्मार्टफोन निर्यात 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है,जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 55% अधिक है।
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भारत में स्मार्टफोन उत्पादन को बढ़ावा

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि,इस सफलता के पीछे नई ईसीएम (इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग) योजना की अहम भूमिका रही है,जिससे स्मार्टफोन उत्पादन को बढ़ावा मिला है और लगभग 50,000 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित किया गया है।
अधिक उत्पादन से MSME सेक्टर को फायदा
केंद्रीय मंत्री ने आगे लिखा कि,इस बढ़ते उद्योग से देश में लाखों नए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं, युवाओं को कौशल विकास के नए अवसर मिल रहे हैं, महिलाओं के लिए रोजगार में बढ़ोतरी हुई है और एमएसएमई क्षेत्र को भी बड़ा फायदा हुआ है।साथ ही,यह तकनीकी हस्तांतरण को भी गति देने वाला साबित हो रहा है।
5 महीनों में निर्यात 1 लाख करोड़ के पार
वहीं प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से भारत का स्मार्टफोन निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में 1 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।इंडस्ट्री अनुमानों के अनुसार निर्यात में अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी एप्पल सबसे आगे रही है।
सालाना आधार पर 55% की बढ़ोत्तरी
पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 64,500 करोड़ रुपये था यानी स्मार्टफोन निर्यात में सालाना आधार पर करीब 55 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो अमेरिकी टैरिफ में बढ़ोतरी के बावजूद हासिल की गई है।
निर्यात में सबसे आगे रही एप्पल कंपनी

एप्पल के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग साझेदार टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और फॉक्सकॉन ने कुल निर्यात में लगभग 75 प्रतिशत का योगदान दिया है।वहीं सैमसंग और मोटोरोला जैसी कंपनियों ने भी अमेरिका को निर्यात में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है,हालांकि उनकी रफ्तार एप्पल की तुलना में थोड़ी धीमी रही है।
देश में 300 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स एक्टिव

चीन और वियतनाम के साथ भारत अब वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है। कंपनियां वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने के लिए भारत में निवेश बढ़ा रही हैं।सरकारी आंकड़ों के अनुसार…भारत में अब 300 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स सक्रिय हैं,जबकि 2014 में इनकी संख्या केवल दो थी।2014 में जहां 26% मोबाइल फोन भारत में बनते थे अब यह आंकड़ा 99.2% तक पहुंच चुका है।
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