Mobile tariffs: Airtel की टैरिफ बढ़ोतरी से ग्राहकों के लिए नई परेशानी, क्या सस्ते प्लान्स का सपना टूट गया?

एयरटेल ने टैरिफ बढ़ाने का निर्णय लिया है। पिछले 6 महीने में यह दूसरी बार है जब टैरिफ में वृद्धि की गई है।

Aanchal Singh
Telecom Tariff Hike

Telecom Tariff Hike News: भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने एक बार फिर अपने ग्राहकों को बड़ा झटका देते हुए टैरिफ में बढ़ोतरी की है। यह बढ़ोतरी पिछले 6 महीने में दूसरी बार की गई है। बुधवार को कंपनी का शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहा था। जानकारी के मुताबिक, एयरटेल (Airtel) ने अपने डाटा पैक की कीमतों में वृद्धि की है और आने वाले समय में अन्य प्लान्स में भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

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6 महीने में दूसरी बार बढ़ाए गए दाम

6 महीने में दूसरी बार बढ़ाए गए दाम

बताते चले कि, भारती एयरटेल ने अपने टैरिफ में 10% से लेकर 12% तक की बढ़ोतरी की है। यह टैरिफ बढ़ोतरी मोबाइल ग्राहकों के लिए एक और बड़ा झटका है। ₹1,999 वाले प्लान में अब तक 24GB डाटा मिलता था, अब उसकी कीमत बढ़ाकर ₹2,249 कर दी गई है। इसी तरह ₹599 वाला प्लान अब ₹569 में उपलब्ध होगा। यह बढ़ोतरी 6 महीने के अंदर दूसरी बार की गई है, आखिरी बार जुलाई 2024 में कीमतों में वृद्धि की गई थी।

कंपनियों पर बढ़े ARPU को लेकर दबाव

भारती एयरटेल और अन्य टेलीकॉम कंपनियों पर प्रति महीने औसत यूजर आय (ARPU) बढ़ाने का दबाव बना हुआ है। एयरटेल का ARPU जुलाई तिमाही में ₹203 था, जो सितंबर तिमाही में बढ़कर ₹233 हो गया था। कंपनी उम्मीद करती है कि तीसरी तिमाही के नतीजों के साथ दिसंबर तिमाही के ARPU में और वृद्धि होगी।

TRAI के निर्देशों के बावजूद ग्राहकों को राहत नहीं

TRAI के निर्देशों के बावजूद ग्राहकों को राहत नहीं

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के निर्देशों के बाद टेलीकॉम कंपनियों ने केवल वॉइस पैक देने की शुरुआत की थी, लेकिन इससे ग्राहकों को कोई राहत नहीं मिली। कंपनियों ने प्लान्स के टैरिफ घटाने की बजाय, डाटा पैक को हटा दिया है। अब ₹1,999 में वॉयस प्लान मिलेगा, लेकिन डाटा पैक के लिए ग्राहकों को अतिरिक्त रिचार्ज करना पड़ेगा। इसका मतलब है कि डाटा के लिए अलग से भुगतान करना होगा, जो ग्राहकों के लिए और महंगा पड़ सकता है।

TRAI के आदेश को ठेंगा दिखाती कंपनियां

TRAI ने चाहा था कि उपभोक्ताओं को बिना डाटा वाला सस्ता वॉयस पैक मिले, लेकिन कंपनियों ने बिना कीमत घटाए, डाटा को हटा दिया है, जिससे उनके आदेश की धज्जियां उड़ गई हैं। कंपनियां अब डाटा पैक को अतिरिक्त शुल्क में बेच रही हैं, जबकि वॉयस पैक की कीमतों में किसी प्रकार की राहत नहीं दी गई है।

जुलाई में बढ़ी दरों का असर: ग्राहक संख्या घटे

पिछली बार जुलाई में जब टैरिफ बढ़ाए गए थे, तो उसका सीधा असर ग्राहकों की संख्या पर पड़ा। ग्राहक संख्या में तेजी से गिरावट आई थी और डाटा की खपत में भी पहली बार कमी देखी गई थी। देशभर में प्रति यूजर औसतन डाटा की खपत 1% घटकर 21.10GB प्रति महीने रह गई, जो पहले 21.30GB थी। यह गिरावट एक महत्वपूर्ण संकेत है कि बढ़ती कीमतों के बावजूद ग्राहक डाटा की खपत में कमी करने को मजबूर हो गए हैं।

डाटा खपत में कमी और ग्राहक संख्या में गिरावट

डाटा खपत में कमी और ग्राहक संख्या में गिरावट

ट्राई के ताजे आंकड़ों के अनुसार, जुलाई से सितंबर के बीच डाटा खपत में कमी आई है, जो पिछले कई वर्षों में पहली बार देखने को मिली है। यह बदलाव कंपनियों के टैरिफ बढ़ाने के बाद हुआ है, जब ग्राहकों ने महंगे पैक के कारण कम डाटा का इस्तेमाल करना शुरू किया।

ग्राहकों के लिए राहत की उम्मीद नहीं

टेलीकॉम कंपनियों द्वारा किए गए टैरिफ बढ़ोतरी के बाद ग्राहकों के लिए राहत की कोई संभावना नहीं दिख रही है। ट्राई की कोशिशों के बावजूद कंपनियां अपनी मर्जी से कीमतें बढ़ा रही हैं और इसका असर सीधे ग्राहकों पर पड़ रहा है। इस स्थिति में यदि कंपनियों ने अपनी नीतियां नहीं बदलीं तो आने वाले समय में और भी गिरावट देखी जा सकती है।

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