Modi Interacts with Shubhanshu : अंतरिक्ष स्टेशन में कैसा है शुभांशु का हाल? मोदी ने की भारतीय अंतरिक्ष यात्री से बात

Chandan Das

Modi Interacts with Shubhanshu : राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनकर शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रच दिया है। देश का गौरव यह अंतरिक्ष यात्री पहले ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में 24 घंटे से अधिक समय बिता चुका है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उनसे सीधे बात की।

शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय के एक्स हैंडल अकाउंट पर एक पोस्ट किया गया। इसमें लिखा है, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बात की। जो इस समय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर हैं।” प्रधानमंत्री मोदी का शुभांशु को संदेश- “आज आप मातृभूमि से बहुत दूर हैं, लेकिन आप भारतीयों के दिलों के सबसे करीब हैं।”

भारतीय अंतरिक्ष यात्री ने गुरुवार को इतिहास रच दिया। शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर कदम रखने वाले पहले भारतीय बन गए। वे एक्सिओम-4 मिशन के तहत तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे। शुभांशु वहां पहले ही 28 घंटे बिता चुके हैं।

गुरुवार दोपहर जैसे ही स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान का हैच खुला, एक्स-4 मिशन की कमांडर अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन बाहर निकलीं। वह अंतरिक्ष स्टेशन में प्रवेश करने वाली पहली व्यक्ति थीं। उसके बाद पायलट शुबांगशु शुक्ला, स्लियोस उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और टिबोर कापू एक-एक करके बाहर निकले। शुक्रवार को ड्रैगन के अंदर से प्रयोगों के लिए जरूरी नमूने, उपकरण और पोर्टेबल साइंस फ्रीजर उतारने का काम शुरू हुआ।

उसके बाद शुभांशु ने एक्सपीडिशन 73 के सदस्यों से कक्षीय चौकी पर किसी भी आपात स्थिति में उनकी जिम्मेदारियों और मिशन नियंत्रकों से संवाद करने के तरीके के बारे में विस्तार से जाना। इस बीच एक्सपीडिशन 73 के सातों सदस्य अपना शोध कार्य जारी रखे हुए हैं। शुबांगशु ने काम भी शुरू कर दिया है।

एक्स-4 मिशन के चार सदस्य

एक्स-4 मिशन के चार सदस्य बुधवार को भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे फाल्कन 9 रॉकेट से अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से रवाना हुए। 28 घंटे की लंबी यात्रा के बाद वे गुरुवार दोपहर को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुँच गए। सुभांशु का हाथ थामे भारत अंतरिक्ष स्टेशन पर कदम रखने वाला पहला देश बन गया। इतिहास में पहली बार! 14 दिनों के इस मिशन की पूरी अवधि के दौरान चार अंतरिक्ष यात्री ISS पर रहेंगे। वे वहाँ कम से कम 60 प्रयोग करेंगे, जिनमें से सात भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के हैं।

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