Independence Day Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाल किले से स्वतंत्रता दिवस भाषण इस बार रिकॉर्ड लंबा रहा। पिछले 12 वर्षों में मोदी ने कुल 1,030 मिनट तक भाषण दिया, जो कि अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों से कई गुना अधिक है। इस बार उनका भाषण 105 मिनट तक चला, जो इतिहास में सबसे लंबे भाषणों में से एक माना जा रहा है।
मोदी के भाषणों की लंबाई में बेमिसाल बढ़त
2014 से अब तक मोदी ने 12 स्वतंत्रता दिवस पर भाषण दिए हैं, जिनकी औसत लंबाई लगभग 86 मिनट रही है। इसके मुकाबले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 16 भाषणों में कुल 504 मिनट और जवाहरलाल नेहरू ने 17 भाषणों में मात्र 400 मिनट भाषण दिया। मनमोहन सिंह के 10 भाषणों का कुल समय 417 मिनट रहा, जबकि राजीव गांधी का औसत 47 मिनट था।
नेहरू और इंदिरा के छोटे और संक्षिप्त भाषण
भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने 1954, 1959 और 1962 के भाषणों में 20 मिनट से भी कम समय में ही अपनी बात रखी। इंदिरा गांधी ने भी 1966 में केवल 14 मिनट का भाषण दिया था। इन पूर्व प्रधानमंत्रियों के भाषण अपेक्षाकृत संक्षिप्त और बिंदुवार होते थे।
भाषण की लंबाई का मतलब
भाजपा का मानना है कि मोदी के लंबे भाषण उनकी व्यापक सोच और देश के विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से प्रकाश डालने की कोशिश का प्रतीक हैं। पार्टी का कहना है कि भाषण की लंबाई सरकार की योजनाओं, उपलब्धियों और भविष्य के विजन को समझाने का जरिया भी है।
प्रधानमंत्री मोदी लाल किले से सबसे अधिक समय तक भाषण देने वाले तीसरे प्रधानमंत्री हैं, लेकिन भाषण की कुल अवधि और औसत दोनों ही मामलों में वे सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों से काफी आगे हैं। यह लंबाई उनके देश के प्रति गहन समर्पण और व्यापक एजेंडा प्रस्तुत करने की क्षमता को दर्शाती है।

