Mohammad Shami Wife Case: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी (Mohammad Shami) और पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal government) को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस शमी की पत्नी की याचिका पर जारी किया गया है, जिसमें उन्होंने अपनी और अपनी बेटी के लिए हर महीने 10 लाख रुपये अंतरिम भरण-पोषण की मांग की थी। वकीलों के अनुसार, याचिका में यह भी कहा गया है कि मौजूदा भरण-पोषण राशि पर्याप्त नहीं है और परिवार के जीवनयापन के लिए बढ़ोतरी की आवश्यकता है।
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हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती
बताते चले कि, मोहम्मद शमी की पत्नी ने कलकत्ता हाई कोर्ट(Calcutta High Court’) के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें अदालत ने शमी को पत्नी और नाबालिग बेटी के लिए हर महीने 4 लाख रुपये अंतरिम भरण-पोषण देने का निर्देश दिया था। जुलाई में हाई कोर्ट ने भरण-पोषण राशि को तय करते हुए पत्नी को 1.5 लाख और बेटी को 2.5 लाख रुपये हर महीने देने का आदेश दिया था। यह राशि घरेलू हिंसा के मामले के निपटारे तक लागू होगी।
पत्नी की याचिका में क्या कहा गया ?
याचिका में शमी की पत्नी ने कहा कि वर्तमान भरण-पोषण राशि उनके और बेटी की जीवनशैली और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने अदालत से हर महीने 10 लाख रुपये की अंतरिम राशि देने की मांग की है।वकीलों का कहना है कि शमी की पत्नी ने घरेलू हिंसा के मामलों का हवाला देते हुए कहा है कि अतिरिक्त राशि उनके और बेटी की सुरक्षा और जीवनयापन के लिए जरूरी है।
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क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय
मोहम्मद शमी के खिलाफ यह मामला क्रिकेट जगत और मीडिया में व्यापक चर्चा का विषय बन गया है। उनके निजी जीवन से जुड़े विवादों ने सोशल मीडिया पर भी हलचल मचा दी है। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले में शमी और पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगेगी। अदालत याचिका पर सुनवाई करेगी और जरूरत पड़ने पर अंतरिम आदेश में बदलाव कर सकती है।कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि इस मामले में अदालत के फैसले से भविष्य में घरेलू हिंसा और भरण-पोषण से जुड़े मामलों में नीतिगत दिशा मिल सकती है।
मोहम्मद शमी की पत्नी द्वारा दायर याचिका और सुप्रीम कोर्ट का नोटिस इस विवाद को नई दिशा दे रहा है। आने वाले हफ्तों में अदालत के फैसले से यह तय होगा कि शमी को अपनी पत्नी और बेटी के लिए कितनी राशि अंतरिम भरण-पोषण के रूप में देना होगा।

