Mohan Bhagwat : ‘पश्चिमी सभ्यता ने विज्ञान और आर्थिक प्रगति के नाम पर दुनिया को केवल विलासिता प्रदान की है। इसने लोगों का जीवन आसान तो बनाया है, लेकिन उनके दुखों का अंत नहीं किया है। पूरी दुनिया उस सुख और समृद्धि के लिए भारत की ओर देख रही है।’ यह संदेश आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में बोलते हुए दिया। उनके अनुसार भारत ही दुनिया की सभी समस्याओं का समाधान है। पिछले 2000 वर्षों में पश्चिमी विचारधारा लोगों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने में पूरी तरह विफल रही है।
क्या है मोहन भागवत का संदेश ?
हाल ही में एक कार्यक्रम में बोलते हुए मोहन भागवत ने कहा- “वर्तमान समय में, आप देख सकते हैं कि दुनिया भर में शोषण बढ़ा है गरीबी बढ़ी है। अमीर और गरीब के बीच धन का अंतर दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।” अतीत का ज़िक्र करते हुए भागवत ने कहा “प्रथम विश्व युद्ध के बाद शांति के उद्देश्य से अनेक पुस्तकें लिखी गईं। युद्ध रोकने के लिए राष्ट्र संघ का गठन किया गया। फिर भी, द्वितीय विश्व युद्ध को रोका नहीं जा सका। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र का गठन हुआ। अब हमारी चिंता तृतीय विश्व युद्ध को लेकर है। आज पूरी दुनिया जिन समस्याओं का सामना कर रही है, उनका एकमात्र समाधान भारतीयता है।”
भारतीय विचारधारा का होना आवश्यक है
इसके बाद भारतीय का अर्थ समझाते हुए संघ प्रमुख ने कहा – “भारतीय होने का क्या अर्थ है? भारतीयता का अर्थ केवल भारत की नागरिकता नहीं है। नागरिकता आवश्यक है लेकिन भारत का हिस्सा बनने के लिए भारतीय विचारधारा का होना आवश्यक है। भारतीय संस्कृति को जीवन में आत्मसात करना होगा। हिंदू दर्शन कहता है कि मोक्ष जीवन का अंतिम लक्ष्य है। धार्मिक शिक्षाओं के कारण ही भारत कभी एक समृद्ध राष्ट्र था। यह बात पूरी दुनिया जानती है। परिणामस्वरूप आज भी दुनिया भारत से नई दिशा दिखाने की अपेक्षा रखती है।” भागवत ने आगे कहा “हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। जिसकी शुरुआत हमसे और हमारे परिवारों से होगी।”
पाठ्यक्रम में कई बदलाव
दुनिया में आने वाले बदलावों के लिए तैयार रहने का संदेश देते हुए मोहन भागवत ने कहा “हम पश्चिम द्वारा पढ़ाया गया इतिहास जानते हैं। अब वह बदल रहा है। हमारे देश के पाठ्यक्रम में भी कई बदलाव किए जा रहे हैं।” आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा “भारत पश्चिमी देशों के लिए नहीं है। लेकिन यह दुनिया के नक्शे पर हो सकता है, मानसिकता में नहीं।”
Read More : भारत ने पाकिस्तान को फिर दिखाया आईना; UNSC में दिया करारा जवाब,आतंकवाद पर दुनिया के सामने किया बेनकाब