Mohini Ekadashi 2025: कैसे करें मोहिनी एकादशी व्रत? यहां देखें सरल पूजा विधि और नियम

पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर मोहिनी एकादशी का व्रत किया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लिया था।

Nivedita Kasaudhan
Devshayani Ekadashi 2025
Devshayani Ekadashi 2025

Mohini Ekadashi 2025: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है। लेकिन एकादशी व्रत को बेहद ही खास माना गया है। जो कि भगवान विष्णु को समर्पित है इस दिन भक्त भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं। मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।

पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर मोहिनी एकादशी का व्रत किया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लिया था। यही कारण है कि इस एकादशी को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जा रहा है। इस बार मोहिनी एकादशी का व्रत 8 मई को किया जाएगा। ऐसे में अगर आप मोहिनी एकादशी का व्रत पहली बार कर रहीं हैं, तो आज हम आपको एकादशी व्रत पूजा की सरल विधि व नियम बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।

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मोहिनी एकादशी पर कैसे करें व्रत?

ब्रह्म मुहूर्त में उठें

मोहिनी एकादशी के शुभ दिन पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करें और व्रत पूजा का संकल्प करें।

श्री हरि की पूजा

भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें पुष्प, तुलसी दल, पीले वस्त्र और मिठाई अर्पित करें।

पूजा सामग्री

मोहिनी एकादशी पूजा में फल, पुष्प, माला, धूप, दीपक, नैवेद्य, चंदन, कलावा, घंटी, शंख, पीला वस्त्र, एक चौकी, भगवान विष्णु की प्रतिमा, गंगाजल, घी, रूई की बत्ती, मिठाई, श्रृंगार की चीजें, वस्त्र आदि चीजों को शामिल करें।

भोग लगाएं

एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें साथ ही भगवान विष्णु को पंचामृत, फल और मिठाई का भोग लगाएं।

तुलसी चढ़ाएं

जगत के पालनहार भगवान विष्णु को तुलसी बेहद प्रिय है इसलिए भगवान के भोग में तुलसी दल जरूर शामिल करें।

व्रत कथा पाठ

एकादशी पूजा में मोहिनी एकादशी की व्रत कथा जरूर पढ़नी चाहिए।

आरती करें

किसी भी देवी देवता की पूजा अर्चना करने के बाद उनकी आरती जरूर पढ़नी चाहिए। ऐसे में मोहिनी एकादशी के दिन श्री हरि की आरती करें और उन्हें भोग भी लगाएं।

लक्ष्मी पूजा

एकादशी के पावन दिन भगवान विष्णु के साथ साथ माता लक्ष्मी की पूजा जरूर करें। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी कृपा बरसती है।

व्रत का पारण

मोहिनी एकादशी व्रत तभी पूर्ण माना जाता है जब विधि विधान के साथ इसका पारण किया जाए। ऐसे में आप द्वादशी तिथि को प्रदोष व्रत से पहले एकादशी का पारण जरूर करें।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है।प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

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