Mokama Murder: मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने शुक्रवार को वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार में राज्यपाल, पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक में अन्य चुनाव आयुक्त एसएस संधू और विवेक जोशी भी मौजूद थे। बैठक में आयोग ने कहा कि शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए राज्य में गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जाए। उन्होंने विशेष रूप से चुनावी हिंसा, हथियारों की उपलब्धता और राज्य की सीमाओं पर निगरानी पर बल दिया।
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हथियार जमा कराने-निगरानी के कड़े निर्देश
बताते चले कि, आयोग ने बिहार में सभी लाइसेंसी हथियारों को समयबद्ध तरीके से जमा कराए जाने तथा अवैध हथियारों की बरामदगी को प्राथमिकता दिए जाने के आदेश जारी किए। साथ ही, राज्य के सीमावर्ती इलाकों में अराजक तत्वों और अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।
संवेदनशील मतदान केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य के संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त सुरक्षा उपाय हों। इसके अंतर्गत स्ट्रांग रूम, ईवीएम एवं मतदान सामग्री की सुरक्षा पर विशेष मंथन हुआ। आयोग ने बताया कि इन केंद्रों की सूची जल्द तैयार की जाए और स्थानीय प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि सुरक्षा-बल, वीडियो निगरानी तथा अन्य तकनीकी साधन उपलब्ध करवाएँ।
मोकामा हत्याकांड के बाद दर्ज हुई एफआईआर
दूसरी ओर, मकोमा में जन-सुराज पार्टी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के बाद चुनावी हिंसा को लेकर एक और एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला पंडारक थाने में दर्ज हुआ, जिसमें वीणा देवी नामक उम्मीदवार के समर्थकों की शिकायत पर कार्रवाई की गई है।
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शव यात्रा के दौरान हुई भारी हंगामा
मृतक दुलारचंद यादव की शव यात्रा के दौरान पंडारक में भारी तनाव उत्पन्न हुआ था। इस दौरान वीणा देवी के काफिले की एक गाड़ी को तोड़-फोड़ का सामना करना पड़ा था। पंडारक थाने में दर्ज इस एफआईआर में आरोपी बनाए गए हैं — सुमित, सोनू और गोलू।
पहले से दर्ज थी तीन एफआईआर
मोकामा हत्याकांड में अब तक तीन एफआईआर पहले ही दर्ज हो चुकी थीं। मृतक के पोते नीरज कुमार की लिखित शिकायत पर दर्ज एफआईआर में आरोपियों के रूप में नामजद किए गए हैं — अनंत सिंह, उनके दो भतीजे राजवीर व कर्मवीर, साथ ही छोटन सिंह व कंजय सिंह।
दूसरे पक्ष से दर्ज शिकायतें
दूसरी ओर, अनंत सिंह के समर्थक जितेंद्र कुमार की शिकायत पर मोकामा से जन-सुराज प्रत्याशी प्रियदर्शी पीयूष, लखन महतो, बाजो महतो, नीतीश महतो, ईश्वर महतो व अजय महतो को नामजद किया गया है। यह मामला भी चुनावी रंजिश की पृष्ठभूमि में दर्ज किया गया।
थानों में दर्ज एफआईआर का विवरण
उल्लेखनीय है कि मोकामा के भदौर थाने में तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं और इसके अलावा पंडारक थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई है। इस प्रकार चुनाव-प्रचार के दौरान बढ़ती हिंसा तथा हथियारों की गतिविधियों को लेकर प्रशासन व आयोग दोनों सतर्क हो गए हैं।
इस घटनाक्रम में न केवल हत्या के बाद बढ़ती राजनीतिक हिंसा का डर है, बल्कि चुनावी प्रक्रिया में हथियारों की भूमिका, सुरक्षा-दायित्वों का पालन तथा आयोग-प्रशासन की सक्रियता का भी परीक्षण है। आगामी समय में देखने की बात होगी कि क्या इन आदेशों और एफआईआर के बाद बिहार में शांतिपूर्ण व निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित हो पाता है।
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