Mokshada Ekadashi 2024 : मोक्षदा एकादशी कब है? जानें क्या है तारीख और महत्व…

मोक्षदा एकादशी का व्रत विशेष रूप से धर्म, तप और भगवान के प्रति भक्ति को प्रगाढ़ करने का दिन होता है। मोक्षदा एकादशी 2024 में 10 दिसंबर को मनाई जाएगी।

Shilpi Jaiswal

मोक्षदा एकादशी का व्रत विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दिन भगवान विष्णु की पूजा और उपासना के लिए समर्पित होता है। इस दिन व्रत रखने से पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति का विश्वास किया जाता है। मोक्षदा एकादशी के व्रत के दौरान कुछ विशेष नियम और दिशा-निर्देश होते हैं, जिनका पालन करना चाहिए। आइए जानते हैं… व्रत कब है और इसके दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं?

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कब मनाई जाएगी मोक्षदा एकादशी?

मोक्षदा एकादशी 2024 में 10 दिसंबर को मनाई जाएगी। यह एकादशी विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा और उपासना के लिए महत्त्वपूर्ण है और इसे विशेष रूप से गोपद्म एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन व्रत रखने से पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति का विश्वास किया जाता है।मोक्षदा एकादशी का व्रत विशेष रूप से धर्म, तप और भगवान के प्रति भक्ति को प्रगाढ़ करने का दिन होता है। इस दिन भगवान विष्णु के प्रति समर्पण और आस्था बढ़ाने के साथ-साथ पापों से मुक्ति की कामना की जाती है।

मोक्षदा एकादशी व्रत के दौरान क्या करना चाहिए

व्रत का संकल्प लें: एकादशी के दिन व्रत रखने का संकल्प लें और पूरी श्रद्धा से इसे पालन करें।
पूजा और उपासना: इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करें। विशेष रूप से तुलसी के पत्तों से भगवान विष्णु का पूजन करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
सच्चे मन से उपवास करें: व्रति को पूरे दिन उपवास करना चाहिए, जिसमें अनाज, तले हुए पदार्थ, मांसाहार और शराब का सेवन न किया जाए।
रातभर जागरण: एकादशी की रात को भगवान विष्णु का भजन और कीर्तन करें। जागरण करना इस दिन का एक अहम हिस्सा है।
प्रसाद वितरण: पूजा के बाद भगवान विष्णु का प्रसाद वितरण करें और इसे सच्चे मन से ग्रहण करें।

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मोक्षदा एकादशी व्रत के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?

मांसाहार और तामसिक भोजन: एकादशी के दिन मांसाहार, प्याज, लहसुन, शराब और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
अन्य व्रतों का पालन न करें: एकादशी व्रत के दिन अन्य व्रतों का पालन करने से व्रत का पुण्य प्रभावित हो सकता है।
झगड़े और विवाद से बचें: इस दिन क्रोध, झगड़ा और किसी भी प्रकार का विवाद से बचना चाहिए। शांति और संयम बनाए रखें।
निंदा और बुराई से दूर रहें: इस दिन किसी की निंदा या बुराई करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह पुण्य को नष्ट कर सकता है।
दुराचार से बचें: इस दिन कोई भी अशुभ या दुराचार करने से बचें, क्योंकि इससे व्रत का पुण्य नहीं मिलता।

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मोक्षदा एकादशी के विशेष महत्व

मोक्षदा एकादशी का व्रत विशेष रूप से पुण्य देने वाला माना जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से पापों से मुक्ति और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रति के द्वारा किए गए उपायों से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि मृत्यु के बाद मोक्ष भी प्राप्त होता है।इस प्रकार, मोक्षदा एकादशी के व्रत का पालन करते समय सच्चे मन से भगवान विष्णु की उपासना, संयमित आहार और शुद्ध आचरण का पालन करना चाहिए।

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