Monsoon Update 2025: भारत में तापमान में हो रही वृद्धि और हिमांक बिंदु से ऊपर जा रहा स्तर मानसून के आगमन का संकेत दे रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने हाल ही में जारी अपने मानसून पूर्वानुमान में बताया है कि इस वर्ष देश में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। यह खबर देश के कृषि क्षेत्र के लिए बेहद शुभ संकेत मानी जा रही है, क्योंकि मानसून पर देश की खेती और ग्रामीण अर्थव्यवस्था काफी हद तक निर्भर करती है।
Read More:Monsoon 2025: मानसून पर मौसम विभाग की भविष्यवाणी,देशभर अधिक बारिश की जताई संभावना…
जून से सितंबर तक मानसून सीजन
IMD के अनुसार, जून से सितंबर तक चलने वाले मानसून सीजन में पूरे देश में लगभग 106 प्रतिशत वर्षा होने का अनुमान है, जिसमें सामान्य से लगभग 5 प्रतिशत की अधिक या कम वर्षा हो सकती है। यह अनुमान 1971 से 2020 तक के 50 वर्षों के वर्षा आंकड़ों पर आधारित है, जिसके अनुसार औसतन हर साल 87 सेंटीमीटर वर्षा होती है। यदि यह पूर्वानुमान सटीक रहता है, तो यह वर्ष किसानों और जल संसाधनों की दृष्टि से लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
Read More:Monsoon Update today: किसानों के लिए खुशखबरी! झमाझम बारिश के है आसार, मौसम विभाग का अनुमान…
वैश्विक जलवायु
इस साल मौसम पर प्रभाव डालने वाले वैश्विक जलवायु कारकों की बात करें तो अल नीनो की स्थिति धीरे-धीरे कमजोर हो रही है और इसके स्थान पर अगस्त से सितंबर के बीच ला नीना की स्थिति बनने की संभावना जताई जा रही है। आमतौर पर ला नीना की स्थिति भारत में अधिक वर्षा का कारण बनती है, जिससे इस साल की मानसूनी बारिश के और अधिक होने की संभावना बढ़ जाती है।
विभागों को मार्गदर्शन
इस पूर्वानुमान को देखते हुए कृषि क्षेत्र में पहले से तैयारी करना आवश्यक हो गया है। किसानों को चाहिए कि वे फसल चयन, बीज की गुणवत्ता, सिंचाई व्यवस्था और कीट नियंत्रण पर विशेष ध्यान दें। इसके अलावा, वर्षा जल संचयन, मृदा परीक्षण और पोषक तत्व प्रबंधन जैसी टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाना अब अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। सरकार और कृषि विभागों को भी इस दिशा में किसानों को मार्गदर्शन और संसाधन उपलब्ध कराने की जरूरत है।

