UP News: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में बूथ स्तरीय अधिकारी (BLO) सर्वेश सिंह द्वारा हाल ही में आत्महत्या किए जाने की घटना अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि अब एक और BLO से जुड़ी गंभीर खबर सामने आई है। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के कार्य में लगी एक महिला BLO को रात में ब्रेन हेमरेज होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली (वेंटिलेटर) पर रखा गया है, जिससे चुनावी कार्यों के बढ़ते दबाव पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
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सहायक अध्यापिका आभा सोलोमन SIR कार्य में थी तैनात
बताते चले कि, यह घटना जनपद मुरादाबाद के थाना सिविल लाइन क्षेत्र की है। 57 वर्षीय आभा सोलोमन पाकबड़ा के प्राईमरी स्कूल में सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं और वर्तमान में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) की ड्यूटी में लगी हुई थी। उनके पति बाहर रहते हैं, और बेटा भी नौकरी के लिए शहर से बाहर गया हुआ था। मुरादाबाद में वह अपने भाई-बहन के साथ रहती हैं। रविवार होने के कारण परिवार के सदस्य चर्च गए हुए थे और आभा घर पर ही रहकर अपना SIR कार्य निपटा रही थीं, विशेषकर फॉर्म अपलोडिंग का काम कर रही थीं।
फॉर्म अपलोड करते समय हुई बेहोश
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, दोपहर लगभग 2 बजे जब आभा की बहन चर्च से घर लौटीं, तो आभा उन्हें बिस्तर पर लेटी हुई मिली। जब उन्होंने आभा को दवाई देने के लिए उठाया, तो वह बेहोश थी। उन्होंने तुरंत अन्य परिजनों को फोन किया और आनन-फानन में आभा को अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने ब्लड प्रेशर (BP) कम होने और मस्तिष्क रक्तस्राव की आशंका व्यक्त की, जिसके चलते उन्हें तुरंत वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। परिजनों के अनुसार, आभा सोलोमन उच्च रक्तचाप की पुरानी मरीज हैं और उनका इलाज पहले से ही चल रहा था। हालांकि, अभी तक परिजनों ने इस मामले में सीधे तौर पर मतदाता पुनरीक्षण कार्य का कोई ज़िक्र नहीं किया है।
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बिजनौर में भी हार्ट अटैक से BLO की मौत
यह घटना BLO पर बढ़ते कार्य दबाव को उजागर करने वाली अकेली नहीं है। इससे ठीक पहले, शनिवार को बिजनौर जिले में BLO के पद पर तैनात शोभा रानी (56) की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। मृतका शुक्रवार देर रात तक मतदाता फॉर्म ऑनलाइन अपलोड करने का काम कर रही थी। रात में ही उनके सीने में तेज़ दर्द उठा जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। दुख की बात यह थी कि उनके घर में बेटे की शादी की तैयारियां चल रही थीं। मुरादाबाद और बिजनौर की ये दो हृदय विदारक घटनाएं स्पष्ट करती हैं कि शिक्षक और सरकारी कर्मचारी चुनाव संबंधी कार्यों के अतिरिक्त बोझ और दबाव का सामना कर रहे हैं।
सरकारी कर्मचारियों की स्वास्थ्य सुरक्षा पर सवाल
BLO के रूप में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों, विशेषकर शिक्षकों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो गई हैं। शिक्षक संगठनों ने चुनावी ड्यूटी के दौरान कर्मचारियों पर पड़ने वाले मानसिक और शारीरिक तनाव को कम करने की मांग की है। लगातार हो रही ये दुर्घटनाएं दर्शाती हैं कि मतदाता सूची पुनरीक्षण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने में कर्मचारियों को स्वास्थ्य से समझौता करना पड़ रहा है, जिस पर प्रशासन और चुनाव आयोग को तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है।
