‘भारत में रहकर अधिकतर युवा खुश नहीं,विराट कोहली जैसी है मानसिकता’America में बोले RBI के पूर्व गवर्नर

Aanchal Singh

RBI Governor: अमेरिका के जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम में आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारत के युवाओं को लेकर बड़ी बात कही है.जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में भारत को 2047 तक उन्नत अर्थव्यवस्था बनाने के विषय पर बोलते हुए रघुराम राजन ने बताया बड़ी संख्या में भारत के युवा अपना रोजगार स्थापित करने के लिए विदेश जा रहे हैं क्योंकि वो भारत में खुश नहीं हैं.उन्होंने कहा कि,भारतीय युवाओं की मानसिकता विराट कोहली जैसी है.वो ग्लोबल मार्केट तक आसान पहुंच चाहते हैं और सोचते हैं मैं दुनिया में किसी से पीछे नहीं हूं।

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भारत के भीतर हर सेक्टर में समस्या है-रघुराम राजन

आरबीआई के पूर्व गवर्नर का कहना है कि,चीन और साउथ एशिया के दूसरे देशों की तुलना में भारत अपने युवाओं की क्षमता का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है.भारत को अपने लोगों की स्किल को सुधारने पर फोकस करना चाहिए.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की शुरु से आलोचना करने वाले पूर्व गवर्नर ने कहा कि,भारत के भीतर हर सेक्टर में समस्या है और यही कारण है कि,कई इनोवेटर्स विदेश में जाकर अपनी कंपनियां बना रहे हैं.देश में बेरोजगारी ज्यादा है.हालात ये हैं कि,पीएचडी किए युवा भी रेलवे में चपरासी की नौकरी के लिए अप्लाई कर रहे हैं।

चिप निर्माण पर अरबों खर्च करने की आलोचना

अपनी आर्थिक नीतियों के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने देश में होने वाले आम चुनाव से पहले युवाओं के भविष्य को लेकर बड़ी चिंता जताई है उनका कहना है कि,सरकार को युवाओं के लिए अधिक नौकरियां पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करने की जरुरत है,न कि अल्पकालिक राजनीतिक लाभ के लिए मुफ्त सुविधाओं पर।रघुराम राजन ने कहा,कांग्रेस के घोषणापत्र में अप्रेंटिसशिप का विचार युवाओं के लिए सही है मुझे लगता है इसे प्रभावी बनाने के लिए बहुत कुछ किए जाने की जरुरत है लेकिन हमें कई ऐसे छात्रों की जरुरत है जो कम से कम अच्छा काम करने में सक्षम हों।

पूर्व गवर्नर ने भारत की ओर से चिप निर्माण पर अरबों डॉलर खर्च करने की आलोचना की और बताया…इन चिप कारखानों के बारे में सोचो..चिप विनिर्माण को सब्सिडी देने के लिए कई अरब रुपये खर्च हो रहे हैं दूसरी ओर चमड़ा जैसे कई रोजगार देने वाले क्षेत्र अच्छा नहीं कर पा रहे हैं…क्योंकि हम कई क्षेत्रों में नीचे जा रहे हैं इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि,हमारे पास नौकरी की समस्या अधिक है ऐसा नहीं है कि,पिछले 10 वर्षों में नौकरी की समस्या पैदा हुई ये पिछले कुछ दशकों से अब बढ़ रहा है।

युवा भारत में रहकर खुश नहीं हैं-रघुराम राजन

रघुराम राजन ने सेवा,विनिर्माण और कृषि क्षेत्र पर अपनी बात रखते हुए कहा,इन सभी क्षेत्रों में भारत के अंदर आज समस्या है जिसके बारे में सबको पता है मुझे विस्तार से बताने की जरुरत नहीं है.भारत में बेरोजगारी अधिक है,श्रम शक्ति की भागीदारी कम है,महिला श्रम शक्ति की भागीदारी वास्तव में खतरनाक रुप से कम है.इसके अलावा कुछ उद्यमियों से बात करने पर भी पता चलता है कि,वे दुनिया को बदलने की इच्छा रखते हैं लेकिन उनमें से अधिक संख्या में युवा देश में रहकर खुश नहीं हैं.वे वास्तव में विश्व स्तर पर अधिक विस्तार करना चाहते हैं.बेरोजगारी का असर उच्च शिक्षित लोगों के सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की संख्या देखने से पता लगता है।

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