Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के प्रमुख 7 नगरों में उच्च वायु गुणवत्ता स्तर बनाए रखने के लिए मौजूदा समय के साथ ही दीर्घकालीन कार्ययोजना 30 नवम्बर तक प्रस्तुत करने के निर्देश पर्यावरण संरक्षण और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अधिकारियों को दिए हैं।मंत्रालय में बुधवार को नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम की राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में वन और पर्यावरण,लोक निर्माण, नगरीय प्रशासन एवं विकास, गृह,औद्यागिक निवेश एवं प्रोत्साहन,कृषि विकास एवं किसान कल्याण,परिवहन आदि विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
MP News: IAS संतोष वर्मा को मोहन सरकार का नोटिस, ब्राह्मण बेटियों पर अभद्र टिप्पणी से प्रदेश में बवाल
वायु गुणवत्ता बेहतर करने पर मुख्य सचिव का जोर
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भोपाल,ग्वालियर,इंदौर,जबलपुर,उज्जैन,सागर और देवास के कलेक्टर,एसपी,और नगर निगम के आयुक्त भी शामिल हुए।मुख्य सचिव ने कहा कि,राष्ट्रीय क्लीन एयर प्रोग्राम के मापदंडो के अनुरूप दिल्ली जैसे महानगरों में प्रदूषण के स्तर को कम कर वायु गुणवत्ता बनाए रखने के लिए किए जाने वाले उपायों को केंद्र में रखकर प्रमुख विभागों का एक एक्सपर्ट ग्रुप बनाएं और लघु तथा दीर्घ कालीन कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए।मुख्य सचिव ने पराली जलाने की घटनाओं को भविष्य में भी रोकने के प्लान के अलावा वाहनों,निर्माण कार्यों और कचरे आदि में आग लगाने जैसी प्रवृत्तियों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान बनाने के लिए कहा है।
AQI लेवल 100 से नीचे रखने का लक्ष्य
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि,सड़कों की धूल रोकने के लिए उनकी मरम्मत आदि करने के साथ गुणवत्ता बनाए रखने पर ध्यान दें।गुणवत्ता विहीन सड़कों के निर्माण के लिए अधिकारी तथा निर्माण एजेंसी की जिम्मेदारी तय कर सख्त कार्यवाही की जाए।जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर ठीक नहीं है उनका पूरा ध्यान वायु गुणवत्ता को औसत मानक 100 से नीचे होना चाहिए।नगर निगम ध्यान दें कि,कचरा जलाने पर शत-प्रतिशत रोक हो,निर्माण कार्यों से धूल न उठे और सड़कों का सुधार और पुनःनिर्माण कार्य तत्काल प्रारंभ करें।अलाव-तंदूर जैसे कारकों को इलेक्ट्रिक किया जाए।धूल वाले स्थानों पर नियमित रूप से जल के छिड़काव करने के साथ ही पी.यू.सी प्राप्त वाहनों का संचालन के लिए विशेष जांच अभियान चलाया जाए।
निर्माण के दौरान प्रदूषण रोकने का आदेश
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि,नागरिकों के निवास आदि के निर्माण के साथ ही अन्य बड़े निर्माण कार्यों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए नेट लगाने के साथ ही जल के नियमित छिड़काव आदि को सुनिश्चित करें।निर्माण के दौरान प्रदूषण रोकने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं करने के लिए अलग-अलग प्रभावी मापदंड-कार्ययोजना में शामिल किये जाएं। सभी विभागों और नगरीय निकायों के अधिकारियों से कहा कि,वे जन-जागरूकता के लिए व्यापक कार्य-योजना बनाएं जिसमें उद्योग,परिवहन जैसे संघों के साथ ही समाज की भागीदारी भी सुनिश्चित हो।
