MP Mandi Bhav: मंडी भाव में मक्का की कीमतों में भारी वृद्धि, गेहूं और देसी चने में सुस्ती का असर

मौसम के उतार-चढ़ाव ने मक्का की फसल को प्रभावित किया, जिससे उसकी उपलब्धता में कमी आई है। इसके परिणामस्वरूप किसानों को अपनी फसल बेचने पर अच्छा लाभ मिल रहा है।

Shilpi Jaiswal

MP Mandi Bhav: रविवार, 27 अप्रैल 2025 को मध्यप्रदेश की मंडियों में मक्का की कीमतों में अप्रत्याशित उछाल देखा गया। इस दिन मक्का के भाव लगभग 10 से 12 प्रतिशत तक बढ़ गए, जो किसानों के लिए एक राहत की खबर साबित हुई। मक्का के इस उछाल का प्रमुख कारण मांग में वृद्धि और मौसम की खराब स्थिति को माना जा रहा है। हाल ही में मक्का की फसल पर खराब मौसम का असर पड़ा था, जिससे आपूर्ति में कमी आई और मांग में वृद्धि हो गई, जिससे इसके भाव में इस बढ़ोतरी को देखा गया।

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मौसम के उतार-चढ़ाव से मक्का की फसल प्रभावित

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, मक्का की बढ़ती कीमतों का कारण न केवल स्थानीय आपूर्ति की कमी, बल्कि अन्य बाहरी तत्व जैसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति भी हो सकती है। मौसम के उतार-चढ़ाव ने मक्का की फसल को प्रभावित किया, जिससे उसकी उपलब्धता में कमी आई है। इसके परिणामस्वरूप किसानों को अपनी फसल बेचने पर अच्छा लाभ मिल रहा है। खासकर वे किसान जो मक्का की खेती कर रहे हैं, वे इस बढ़े हुए मूल्य का पूरा फायदा उठा सकते हैं।

गेहूं और चने की कीमतों में स्थिरता

वहीं, गेहूं और देसी चने की कीमतों में स्थिरता बनी हुई है। गेहूं की कीमतें 2700 से 3850 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रही, जबकि देसी चने की कीमतें 5100 से 7500 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास रही। इन कृषि उत्पादों की कीमतों में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है, जो किसानों और व्यापारियों के लिए एक सामान्य स्थिति को दर्शाता है।

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अनाजों की कीमतें

इसके अलावा और भी अन्य अनाजों की कीमतें भी स्थिर रही हैं। सोयाबीन के भाव 3700 से 4236 रुपये प्रति क्विंटल, मक्का के भाव 3200 से 3800 रुपये प्रति क्विंटल, और उड़द के भाव 5700 से 7420 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहे। जबकि मसूर की कीमतें 4200 से 6900 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रही, जो इसकी मांग और आपूर्ति के आधार पर बदलती रहती हैं।

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सब्जी बाजार में उतार-चढ़ाव

सब्जी बाजार में भी कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिला। टमाटर की कीमत 250 से 800 रुपये प्रति 10 किलो रही, वहीं केला 400 से 600 रुपये प्रति 10 किलो में बिक रहा था। हरी मिर्च की कीमतें 1000 से 2500 रुपये प्रति 10 किलो के बीच रही। अन्य सब्जियों की कीमतों में भी मामूली वृद्धि देखी गई, जो मौसम और आपूर्ति की स्थिति पर निर्भर करती हैं।

प्याज और आलू की कीमतें भी इस समय स्थिर रही हैं। प्याज का भाव 3700 से 5000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच था, जबकि आलू की कीमतें 1000 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल के बीच चल रही हैं। लहसुन की कीमतें 5400 से 28000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुकी हैं, जो इस उत्पाद की मांग और गुणवत्ता के आधार पर भिन्न-भिन्न होती हैं।

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