MP Monsoon: मध्य प्रदेश में 2025 का मानसून पूरे जोश में है और इसका असर अब पूरे प्रदेश में साफ दिखाई दे रहा है। सोमवार, 1 सितंबर को राज्य के 17 जिलों में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में शामिल हैं इंदौर, उज्जैन, देवास, सीहोर, खरगोन, खंडवा, हरदा, बुरहानपुर, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी और अनूपपुर। राजधानी भोपाल में सुबह से ही बारिश जारी है और मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 24 घंटे में इन जिलों में 2.5 से 4 इंच तक पानी गिर सकता है। इससे निचले इलाकों में जलभराव और यातायात में बाधा की स्थिति बन सकती है।
तीन साइक्लोनिक सिस्टम कर रहे हैं असर

मौसम विभाग की सीनियर वैज्ञानिक ने बताया कि प्रदेश के मध्य से एक मानसून ट्रफ लाइन गुजर रही है, जो इस तेज बारिश की प्रमुख वजह है। इसके अलावा, रविवार को तीन साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव थे, जिसने बारिश को और तेज कर दिया है। यही कारण है कि प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है और आने वाले दिनों में भी यह सिलसिला जारी रहने की संभावना है।
अब रिकॉर्ड टूटने की बारी
इस साल मध्य प्रदेश में औसत बारिश का आंकड़ा पहले ही पार हो चुका है। अब तक प्रदेश में 37.1 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि औसत सामान्य 37 इंच होती है। गुना जिले में सबसे ज्यादा 55.4 इंच बारिश हुई है। इसके बाद मंडला में 54 इंच, श्योपुर में 51.5 इंच, अशोकनगर में 51.1 इंच और रायसेन में 50.5 इंच बारिश हुई। इंदौर और उज्जैन संभाग में अब तक सबसे कम बारिश दर्ज की गई है। उदाहरण के लिए, शाजापुर में सिर्फ 21 इंच पानी गिरा है।
भारी बारिश का अलर्ट?
मौसम विभाग के अनुसार, 2 और 3 सितंबर को इंदौर और उज्जैन संभाग में भारी बारिश की संभावना है। 4 सितंबर को ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में तेज बारिश की चेतावनी जारी की गई है।प्रशासन ने लोगों को सलाह दी है कि जलभराव वाले इलाकों से बचें और जरूरी न हो तो घरों में ही रहें। विशेषकर शहरी क्षेत्रों में जलभराव, ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है।
जिलेवार बारिश का ताजा अपडेट
रविवार को रतलाम में सबसे अधिक 1 इंच बारिश हुई। गुना में लगभग पौन इंच और पचमढ़ी में आधा इंच बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा भोपाल, इंदौर, शाजापुर, उज्जैन, छतरपुर, दतिया, मुरैना, रायसेन, विदिशा, सीहोर, बैतूल, सतना, सीधी समेत कई जिलों में बरसात का सिलसिला लगातार जारी है।
बारिश किसानों के लिए वरदान
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार का 2025 मानसून कई रिकॉर्ड तोड़ सकता है। अच्छी बारिश जहां कृषि कार्यों के लिए अनुकूल है, वहीं शहरी क्षेत्रों में जलभराव, ट्रैफिक और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। ऐसे में प्रशासनिक तैयारी और आम जनता की सतर्कता बेहद ज़रूरी है।

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