HappyBirthdayDhoni:7 जुलाई भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए बेहद खास दिन है। इसी दिन साल 1981 में रांची (झारखंड) में जन्मे महेंद्र सिंह धोनी आज 44 साल के हो गए हैं। ‘कैप्टन कूल’ के नाम से मशहूर धोनी न सिर्फ भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं, बल्कि वे दुनिया के एकमात्र कप्तान हैं जिन्होंने तीनों ICC व्हाइट बॉल ट्रॉफी (टी-20 वर्ल्ड कप, वनडे वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी) जीतकर इतिहास रच दिया।धोनी के बर्थडे पर सोशल मीडिया पर #HappyBirthdayDhoni ट्रेंड कर रहा है। फैंस, खिलाड़ी और क्रिकेट दिग्गज उन्हें खास अंदाज में शुभकामनाएं दे रहे हैं। इस खास मौके पर आइए जानते हैं MS Dhoni से जुड़े 10 अनसुने और रोचक किस्से, जो शायद आप पहली बार जान रहे होंगे।
Read more :IND vs ENG: गिल की दोहरी धमाकेदार पारियां, भारत बना 1000+ रन बनाने वाला पांचवा देश
MS Dhoni से जुड़े 10 अनसुने किस्से
- फुटबॉल गोलकीपर से विकेटकीपर तक का सफर-धोनी बचपन में क्रिकेटर नहीं, बल्कि फुटबॉल गोलकीपर बनना चाहते थे। स्कूल में उनके कोच ने उनकी रिफ्लेक्स देखकर उन्हें विकेटकीपर बनने का सुझाव दिया।
- सचिन तेंदुलकर थे पहले प्रेरणास्त्रोत-धोनी ने कई इंटरव्यू में बताया है कि वे बचपन में सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानते थे और उन्हीं से प्रेरित होकर क्रिकेट को अपना करियर बनाया।
- टीटी से क्रिकेट तक-भारतीय रेलवे में टीटी (ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर) की नौकरी करने वाले धोनी ने रांची से खड़गपुर तक यह काम किया। क्रिकेट में नाम बनाने से पहले उन्होंने कई रातें प्लेटफॉर्म पर बिताई।
- लंबे बालों का शौक-धोनी को लंबे बाल बेहद पसंद थे। 2007 टी-20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद उन्होंने कहा था कि वह जॉन अब्राहम से प्रेरित होकर बाल बढ़ाते थे।पहली कमाई – 50 रुपए-धोनी की पहली कमाई मात्र 50 रुपए थी, जो उन्हें एक फुटबॉल टूर्नामेंट जीतने के बाद मिली थी।
- सचिन, गांगुली और द्रविड़ को भेजा नीचे खेलने-2005 में पाकिस्तान के खिलाफ मैच में धोनी ने खुद को ऊपर भेजा और ‘सचिन तेंदुलकर, गांगुली और द्रविड़’ जैसे दिग्गजों को नीचे खेलाया। यही रणनीति उनकी पहचान बनी।
- बाइक का जुनून-धोनी को बाइक्स का जबरदस्त शौक है। उनके पास 100 से भी ज्यादा बाइक्स हैं, जिनमें विंटेज से लेकर सुपरबाइक्स तक शामिल हैं।
- कैप्टन कूल का उपनाम-धोनी को मैदान पर कभी गुस्से में नहीं देखा गया। उनकी शांति और सूझबूझ के कारण ही उन्हें ‘कैप्टन कूल’ कहा जाने लगा।
- वर्ल्ड कप 2011 की ट्रॉफी को खुद उठाया-2011 वर्ल्ड कप जीतने के बाद धोनी ने बाकी टीम को पीछे रखा और ट्रॉफी खुद उठाकर टीम को आगे बढ़ाया, ताकि खिलाड़ियों को पूरा क्रेडिट मिले।
- सेना के प्रति लगाव-धोनी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं और उन्होंने कई बार ड्यूटी भी निभाई है। वे सेना की ड्रेस पहनना गर्व की बात मानते हैं।
Read more :India VS England Test Series :शुभमन ने दूसरी पारी में जड़ा शतक, इंग्लैंड के खिलाफ भारत की बढ़त 484
धोनी सिर्फ नाम नहीं, एक प्रेरणा हैं
MS Dhoni की कहानी सिर्फ क्रिकेट की नहीं, बल्कि संघर्ष, मेहनत और आत्मविश्वास की मिसाल है। उन्होंने यह दिखाया कि छोटे शहर से भी कोई लड़का पूरी दुनिया में छा सकता है। आज जब माही 44 साल के हो गए हैं, तो उनका जीवन हर युवा के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।