Mumbai train blast : बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2006 के मुंबई ट्रेन ब्लास्ट के सभी दोषियों को बरी कर दिया है। महाराष्ट्र सरकार अब उस फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रिम कोर्ट गई है। मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई की अध्यक्षता वाली तीन न्यायधीशों की पीठ गुरुवार को इस याचिका पर सुनवाई करेगी। गौरतलब है कि सोमवार को 12 आरोपीयों को बरी किए जाने से मुंबई की जनता और राजनीतिक हलकों में रोष व्याप्त हो गया था ।
प्रेशर कुकर विस्फोट नाम से जाना जाता है
2006 के मुंबई लोकल विस्फोट जिसे प्रेशर कुकर विस्फोट के नाम से भी जाना जाता है “प्रेशर कुकर विस्फोट” के नाम से भी जाना जाता था। इस भयावह घटना के 9 साल बाद निचली अदालत ने 2015 में 12 आरोपियों को दोषी ठहराया। पांच को मौत की सजा और बाकी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। 12 आरोपियों ने उस फैसले को चुनौती देने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनकी याचिका के आधार पर न्यायमूर्ति अनिल किलो और न्यायमूर्ति श्याम चंडोक की पीठ ने घोषणा की कि मुंबई विस्फोटों के सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है।
आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं
दो जजों की बेंच ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं किया जा सका। यह मानना बेहद मुश्किल है कि इन्हीं आरोपियों ने विष्फोट को अंजाम दिया । दो जजों की बेंज ने कहा कि सरकार अपराध साबित करने में पूरी तरह नाकाम रही है। गवाहों के बयानों में विसंगतियों के भी आरोप हैं। हालांकि शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने आदालत के फैसले की कड़ी निंदा की । उन्होंने कहा कि एक मुंबई के निवासी होने के नाते इस फैसले को स्वीकार नहीं कर सकते हैं।
बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती
अब महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले की जल्द सुनवाई की जरूरत है। तीन जजों की बेंच ने उस याचिका का जवाब दिया। मामले की सुनवाई 24 जुलाई को होगी। गौरतलब है कि बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले से महाराष्ट्र एटीएस नाराज है। वे ही पूरी घटना की जांच कर रहे थे।