Murshidabad Masjid Row: राजनीतिक लाभ के लिए बाबरी मस्जिद विवाद, चिराग पासवान ने दी नसीहत

बाबरी मस्जिद पर TMC विधायक के ऐलान से चिराग पासवान क्यों भड़के? केंद्रीय मंत्री ने सीधा हमला करते हुए कहा- 'यह सिर्फ विवाद पैदा करने की साजिश है'! जानिए चिराग पासवान ने देश के मुसलमानों को क्या नसीहत दी है?

Chandan Das
Murshidabad Masjid Row
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Murshidabad Masjid Row: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद बनाए जाने की घोषणा के बाद देशभर की राजनीति में हलचल मच गई है। हुमायूं कबीर ने कहा कि मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद की आधारशिला रखी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि मस्जिद के निर्माण में लगभग तीन साल का समय लगेगा। इस ऐलान के बाद राजनीतिक दलों और नेताओं की प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं और विवाद ने सियासी गलियारों में तूफान खड़ा कर दिया है।

Murshidabad Masjid Row: केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान का बयान

केंद्रीय मंत्री और एलजेपी (रामविलास) प्रमुख) चिराग पासवान ने इस मसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विपक्षी दलों द्वारा बाबरी मस्जिद का मुद्दा केवल राजनीतिक लाभ और विवाद के लिए उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह तुष्टिकरण की राजनीति है, जिसने असल में मुसलमानों को नुकसान पहुंचाया है। चिराग पासवान ने चेतावनी दी कि मुसलमानों को समझना चाहिए कि भय और तुष्टिकरण के माध्यम से उनका फायदा उठाने की कोशिश की जा रही है।

Murshidabad Masjid Row:चिराग पासवान ने तुष्टिकरण की राजनीति पर ध्यान दिलाया

चिराग पासवान ने कहा, “यह वही राजनीति है जिसने सबसे अधिक मुसलमानों को नुकसान पहुंचाया। तथाकथित राजनीतिक दल और उनके नेता इस विवाद को सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए खड़ा करते हैं। मुझे लगता है कि मुसलमानों को यह समझना चाहिए कि कहीं और बाबरी मस्जिद बना देने से उनकी आस्था और सम्मान में वाकई कोई वृद्धि होगी?”

मुसलमानों के लिए सामाजिक मुद्दों पर जोर

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मुसलमानों को इस तरह के बयान के पीछे छिपी राजनीतिक मंशा को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि बयान के असली मायने नहीं हैं। इसके बजाय चर्चा इस बात पर होनी चाहिए कि मुस्लिम समुदाय में कितने लोग शिक्षित हैं, कितने लोग रोजगार या शिक्षा प्राप्त कर पा रहे हैं, और उनके रोजमर्रा के जीवन की सुविधाएं कैसी हैं।

बीजेपी समेत अन्य दलों की प्रतिक्रिया

हुमायूं कबीर के बयान के बाद भाजपा समेत अन्य राजनीतिक दलों ने भी आपत्ति जताई। नेताओं का कहना है कि ऐसे बयान सामाजिक और धार्मिक संवेदनाओं को भड़काने वाला प्रभाव डाल सकते हैं और चुनावी राजनीति में तनाव बढ़ा सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, मस्जिद के निर्माण के ऐलान के बाद सियासी विवाद और धार्मिक बहस तेज हो सकती है।विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के बयान सामाजिक सौहार्द्र और राजनीतिक स्थिरता दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। मुसलमान समुदाय के भीतर भी इस मामले को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। वहीं, राजनीतिक दल इसे चुनावी फायदे और प्रचार का अवसर मानकर आगे बढ़ा सकते हैं।

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