Murshidabad Ram Mandir: मुर्शिदाबाद में राजनीतिक घमासान, BJP ने की मंदिर निर्माण की पहल

क्या बंगाल में धार्मिक निर्माण से राजनीतिक ध्रुवीकरण होगा? टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर द्वारा 'बाबरी मस्जिद' की नींव रखने के बाद भाजपा नेता सखारोव सरकार ने अचानक राम मंदिर की नींव क्यों रखी, और साथ ही अस्पताल व स्कूल बनाने की घोषणा कर कौन सा मास्टरस्ट्रोक खेला, जानें पूरा विवाद!

Chandan Das
Murshidabad Ram Mandir
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Murshidabad Ram Mandir: मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद विवाद की पृष्ठभूमि एक बार फिर गरमाती दिखाई दे रही है। सस्पेंड टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद की नींव रखने के ऐलान के बाद अब भाजपा नेता साखारोव सरकार और उनकी टीम ने अयोध्या की तर्ज पर नया मंदिर निर्माण आरंभ कर दिया है। शनिवार को बहारामपुर में भूमि पूजन और शिला प्रतिष्ठा कार्यक्रम ने माहौल को और गर्मा दिया।

Murshidabad Ram Mandir: रामलला मंदिर की तर्ज पर विशाल मंदिर निर्माण का ऐलान

भाजपा नेता साखारोव सरकार ने कहा कि उन्होंने पहले ही 6 दिसंबर को राम मंदिर संबंधी सभी अनुष्ठान करने की घोषणा कर दी थी। इसी क्रम में बहारामपुर में अयोध्या के रामलला मंदिर जैसी भव्य संरचना का निर्माण करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए राम मंदिर चैरिटेबल ट्रस्ट का गठन किया गया है, जिसके तहत शिला प्रतिष्ठा भी की गई। उनके अनुसार यह मंदिर अत्यंत विशाल होगा और इसके परिसर में एक अस्पताल और एक स्कूल भी शामिल किया जाएगा।

Murshidabad Ram Mandir: हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद की नींव रखकर फिर छेड़ी बहस

इसी दौरान, टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए नींव रखने का दावा किया, जिसके बाद सियासत में नई हलचल मच गई। कबीर का कहना है कि उन्होंने संविधान के दायरे में रहकर यह कदम उठाया है और किसी भी तरह की कानून-विरुद्ध गतिविधि नहीं की है। उन्होंने कहा—“जैसे कोई मंदिर बना सकता है, कोई चर्च बना सकता है, वैसे ही मैं मस्जिद बना सकता हूं।”

संविधान के अनुच्छेद 26 का दिया हवाला

हुमायूं कबीर ने स्पष्ट किया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 26(क) के तहत हर धार्मिक समुदाय को धार्मिक और परोपकारी उद्देश्यों के लिए संस्थाएं स्थापित करने और चलाने का मौलिक अधिकार प्राप्त है। उन्होंने कहा कि उनका कदम न तो संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है और न ही किसी तरह की धार्मिक उकसावे की मंशा के साथ उठाया गया है। उनके अनुसार “कहा जा रहा है कि बाबरी मस्जिद नहीं बनाई जा सकती—यह कहीं लिखा नहीं है।”

हुमायूं कबीर की नई पार्टी को लेकर अटकलें तेज

टीएमसी से निलंबन के बाद लगातार विवादों में घिरे हुमायूं कबीर अब अपनी नई राजनीतिक राह तैयार करते दिख रहे हैं। मुर्शिदाबाद में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने संकेत दिया कि वह 22 दिसंबर को अपनी नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह क्षेत्र में “शांति और धार्मिक स्वतंत्रता” की नई राजनीति की शुरुआत करना चाहते हैं।

मंदिर और मस्जिद के मुद्दे पर मुकाबले की स्थिति

मुर्शिदाबाद में एक तरफ BJP द्वारा रामलला मंदिर की तर्ज पर भव्य मंदिर निर्माण का अभियान शुरू किया गया है, वहीं दूसरी ओर हुमायूं कबीर की बाबरी मस्जिद निर्माण घोषणा ने राजनीतिक माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया है। दोनों ही घटनाएं क्षेत्रीय राजनीति को नए मोड़ पर खड़ा कर रही हैं, जहां धार्मिक पहचान, संवैधानिक अधिकार और राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं एक-दूसरे से गहराई से टकराती दिखाई दे रही हैं।

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