Muslims Entry Ban In Mathura Holi: मथुरा में होली के दौरान मुसलमानों की एंट्री पर प्रतिबंध लगाने के संतों के आदेश ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। सोमवार को ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ (एआईएमआईएम) के नेता मोहम्मद इस्माइल ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश भर में नफरत का माहौल बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि धर्म का कारोबार में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए और इस तरह की पाबंदी बेरोजगारी को बढ़ावा देती है।
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एआईएमआईएम नेता ने जताई चिंता

मोहम्मद इस्माइल ने कहा, “देश में नफरत का माहौल लगातार बढ़ रहा है और मथुरा प्रकरण उसी का एक उदाहरण है। कारोबार में धर्म का कोई स्थान नहीं होना चाहिए, लोगों को अपनी आजीविका कमाने का अधिकार है और इस तरह की पाबंदियां उन्हें बेरोजगार कर रही हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि मथुरा में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई केवल सांप्रदायिक तंगदिली को बढ़ावा देती है।
कांग्रेस नेता भाई जगताप ने भी जताई चिंता

आपको बता दे कि इस विवाद पर कांग्रेस नेता भाई जगताप ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “संतों ने जो कहा, उस पर मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता। लेकिन हमारी संस्कृति में यह परंपरा है कि सभी धर्मों के लोग मिलकर होली, दीपावली और अन्य त्योहार मनाते हैं।” उन्होंने इस मुद्दे पर यह भी कहा कि महाराष्ट्र सहित पूरे देश में धार्मिक आयोजनों में धर्म को लेकर भेदभाव नहीं किया जाता है और यह हमारे देश की विशेषता है।
धर्म और जाति के नाम पर बंटवारे का विरोध
भाई जगताप ने आगे कहा, “हमारे देश की संस्कृति में हर धर्म और जाति के लोग एक साथ रहते हैं और त्योहार मनाते हैं। अगर हम धर्म और जाति के आधार पर बंटवारा करेंगे तो देश की एकता खतरे में पड़ सकती है। इस तरह की सोच देश के लिए हानिकारक है, चाहे वह प्रधानमंत्री मोदी हों या कोई और। हमें अपने निजी लाभ और राजनीतिक फायदे के लिए देश की संस्कृति को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।”
मथुरा में होली पर मुसलमानों की एंट्री पर प्रतिबंध की मांग

मथुरा में होली के दौरान मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध को लेकर नया विवाद सामने आया है। मथुरा के संतों ने स्पष्ट रूप से घोषणा की है कि होली के दौरान ब्रज क्षेत्र में मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित रहेगा। इस संबंध में श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में याचिकाकर्ता दिनेश शर्मा फलाहारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से पत्र लिखकर इस मांग को तेज किया है कि ब्रज की होली में मुस्लिमों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाए।
समाज के विभिन्न वर्गों के बीच छिड़ी बहस
इस मुद्दे ने राजनीतिक दलों और समाज के विभिन्न वर्गों के बीच गहरी बहस छेड़ दी है। कई लोग इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के प्रयास के रूप में देख रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान से जोड़कर देख रहे हैं। हालांकि, यह विवाद मथुरा के त्योहारों की विशेषता और भारत की धर्मनिरपेक्ष संस्कृति पर असर डाल सकता है।
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