Nag Panchami 2025: क्यों मनाई जाती है नाग पंचमी? जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा

इस बार Nag Panchami 29 जुलाई दिन मंगलवार को पड़ रही है। यह पावन तिथि नाग देवता और भगवान शिव की पूजा के लिए उत्तम मानी गई है।

Nivedita Kasaudhan
Nag Panchami 2025
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Nag Panchami 2025: सनातन धर्म में हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार Nag Panchami 29 जुलाई दिन मंगलवार को पड़ रही है। यह पावन तिथि नाग देवता और भगवान शिव की पूजा के लिए उत्तम मानी गई है।

इस दिन देशभर में नाग देवता की पूजा की जाती है, मान्यता है कि ऐसा करने से नाग देवता का आशीर्वाद मिलता है और सांपों के भय से मुक्ति मिलती हैं। ऐसे में हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि नाग पंचमी का त्योहार क्यों मनाया जाता है और इससे जुड़ी पौराणिक कथा क्या है, तो आइए जानते हैं।

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क्यों मनाते हैं नाग पंचमी

Nag Panchami
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धर्म शास्त्रों में नाग पंचमी से जुड़ी वैसे तो कई सारी कथाएं प्रचलित है लेकिन सबसे प्रसिद्ध कथा महाभारत काल से जुड़ी मानी जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत काल में राजा परीक्षित के पुत्र जन्मेजय ने नागों से अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए एक सर्प यज्ञ किया था, जिससे नागों का विनाश होने लगा।

तब उनकी माता उत्तरा की विनती पर ऋषि आस्तिक ने यज्ञ को रोककर नागों की रक्षा की। जिस दिन यह हुआ वह सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी। तभी से सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन नागों की पूजा करने की विशेष पंरपरा है।

नाग पंचमी की दूसरी कथा

एक अन्य कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान वासुकी नाग ने रस्सी बनकर देवताओं और राक्षसों के बीच हुए समुद्र मंथन में सहयोग दिया था। इसके अलावा गरुड़ पुराण में भी नागों की पूजा को पितरों की शांति और वंश वृद्धि से जोड़ा गया है। इसलिए नाग पंचमी के दिन नाग देवताओं की पूजा के साथ उन्हें जल, दूध और अन्य चीजें अर्पित की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से काल सर्प दोष से राहत मिलती है और सांपो के डर से भी मुक्ति मिलती है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

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