Narasimha Jayanti 2025: हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है लेकिन नरसिंह जयंती को बेहद ही खास और शुभ माना गया है जो कि भगवान विष्णु के उग्र स्वरूप भगवान नरसिंग की पूजा अर्चना को समर्पित है इस दिन भक्त भगवान विष्णु के नरसिंह स्वरूप की पूजा करते हैं और उपवास आदि भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से प्रभु की असीम कृपा बरसती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने अपने प्रिय भक्त की रक्षा के लिए नरसिंह स्वरूप धारण किया जाता है जिसे नरसिंग जयंती के तौर पर जाना जाता है। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की विजय और भक्तों की रक्षा के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। नरसिंह जयंती को नरसिंग चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है, तो हम आपको अपने इस लेख द्वारा नरसिंह जयंती की तारीख और अन्य जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
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भगवान विष्णु का नरसिंह अवतार
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर नरसिंह जयंती मनाई जाती है। जो कि भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार के प्रकट होने का प्रतीक माना गया है। इस दिन भक्त भगवान नरसिंह की पूजा करते हैं। यह तिथि अज्ञानता पर ज्ञान की जीत और भगवान द्वारा भक्तों को दी जाने वाली सुरक्षा के तौर पर मनाया जाता है।
नरसिंह जयंती की तारीख
पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 10 मई को शाम 5 बजकर 29 मिनट से आरंभ हो रही है। वहीं इसका समापन 11 मई को रात 9 बजकर 19 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में इस साल नरसिंह जयंती 11 मई को मनाई जाएगी।
नरसिंह जयंती की सरल पूजा विधि
नरसिंह जयंती के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें साथ ही साफ वस्त्रों को धारण करें अब पूजा स्थल को साफ करके सब जगह गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान नरसिंह की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद व्रत पूजा का संकल्प करें। भगवान नरसिंह गकी प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं। फिर चंदन, कुमकुम, हल्दी और गुलाल अर्पित करें। अब पीले वस्त्र पहनाएं और पीले पुष्पों की माला अर्पित करें।
भगवान को लगाएं भोग
भगवान नरसिंह को फल, मिठाई, गुड़ और चना चढ़ाएं। भगवान की पूजा में तुलसी दल जरूर शामिल करें और घी का दीपक भी जलाएं। इसके बाद मंत्र जाप करें और प्रभु की आरती भी पढ़ें। पूजा के समापन के दौरान भूल चूक के लिए क्षमा जरूर मांगे। फिर अपनी क्षमता अनुसार गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें। माना जाता है कि इस विधि से पूजा करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
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भगवान नरसिंह का पूजा मंत्र
- ॐ क्रोध नरसिंहाय नृम नम:
ध्याये न्नृसिंहं तरुणार्कनेत्रं सिताम्बुजातं ज्वलिताग्रिवक्त्रम्।
अनादिमध्यान्तमजं पुराणं परात्परेशं जगतां निधानम्।।
- ॐ उग्रवीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्। नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम्॥
Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है।प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।