Naresh Meena Slapped SDM: राजस्थान के टोंक जिले में उपचुनाव के दौरान हुई एक विवादित घटना ने राजस्थान से लेकर दिल्ली तक सभी राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है। देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर मतदान के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा (Naresh Meena) ने मालपुरा के एसडीएम अमित कुमार चौधरी को थप्पड़ मार दिया। इस घटना के बाद उपजा तनाव हिंसा में बदल गया और हालात को काबू में लाने के लिए प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
13 नवंबर को देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान हो रहा था। समरावता गांव में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार करते हुए धरना शुरू कर दिया। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठे थे। इस दौरान मीणा ने पोलिंग बूथ पर अधिकारियों पर जबरन मतदान कराने का आरोप लगाया और अंदर जाने का प्रयास किया। अधिकारियों ने मीणा को रोकने का प्रयास किया, जिससे उनकी एसडीएम अमित चौधरी से कहासुनी हो गई। बहस के दौरान मीणा ने गुस्से में आकर एसडीएम को थप्पड़ मार दिया। यह घटना देखते ही वहां हंगामा शुरू हो गया।
विरोध-प्रदर्शन के बाद बढ़ा तनाव

थप्पड़कांड के बाद मतदान समाप्ति पर ग्रामीणों और नरेश मीणा के समर्थकों ने पोलिंग पार्टी को घेर लिया। इस दौरान भीड़ ने एसपी विकास सांगवान की गाड़ी तोड़ दी। हालात बिगड़ते देख रात करीब 9:30 बजे पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया। लेकिन इसके तुरंत बाद, उनके समर्थकों ने पुलिस को घेर लिया और मीणा को छुड़ाकर ले गए। पुलिस ने समर्थकों पर लाठीचार्ज किया, लेकिन स्थिति और अधिक बिगड़ गई। समर्थकों ने पथराव और आगजनी शुरू कर दी, जिसमें 10 पुलिसकर्मियों समेत 50 से अधिक लोग घायल हो गए। तनाव के चलते टोंक-सवाई माधोपुर हाईवे करीब 10 घंटे तक बाधित रहा।
100 से अधिक वाहनों में आगजनी
समरावता गांव में हिंसा के दौरान नरेश मीणा के समर्थकों ने 100 से अधिक कार, बाइक और जीपों को आग के हवाले कर दिया। इलाके में कर्फ्यू जैसा माहौल बन गया, और प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं। रातभर दबिश और गिरफ्तारियों का सिलसिला चलता रहा। पुलिस फरार नरेश मीणा की तलाश में जुटी थी, लेकिन वह नहीं पकड़ा जा सका। प्रशासन ने इलाके में बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात किया था। रातभर पुलिस ने गांव में दबिश देकर हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया।
नरेश मीणा ने गिरफ्तारी पर दिया बयान
14 नवंबर को नरेश मीणा ने सोशल मीडिया पर लाइव होकर अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा, “मैं भागा नहीं हूं। पुलिसवाले यहां से भागे थे। यह मेरा कैरेक्टर नहीं है।” बाद में वह समरावता गांव पहुंचे और गिरफ्तारी देने का ऐलान किया। पुलिस ने दोपहर करीब 12 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
मीणा पर हत्या के प्रयास सहित 10 धाराओं में मुकदमा दर्ज

पुलिस ने नरेश मीणा के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित 10 धाराओं में मामला दर्ज किया है। इनमें 8 धाराएं नए बीएनएस कानून और 2 आईपीसी की पुरानी धाराओं के तहत हैं। अजमेर रेंज आईजी ओमप्रकाश के मुताबिक, नरेश मीणा के खिलाफ पहले से 2 दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। मामले में 60 अन्य लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किए गए हैं। अब तक 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
कोर्ट ने न्यायिक हिरासत का दिया आदेश
नरेश मीणा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निवाई कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीआईडी-सीबी जांच की भी मांग उठ रही है। सीआईडी-सीबी में लंबित मामलों पर लोकायुक्त और मानवाधिकार आयोग पहले ही नाराजगी जता चुके हैं। पुलिस ने थप्पड़कांड के आरोपी नरेश मीणा के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत 10 विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। इनमें से 8 धाराएं नए बीएनएस कानून के तहत और 2 धाराएं पुराने आईपीसी कानून के तहत लगाई गई हैं। अजमेर रेंज के आईजी ओमप्रकाश ने बताया कि नरेश मीणा पर 2 दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें उनकी गिरफ्तारी अभी भी लंबित है। इस मामले में 60 और लोगों का भी involvement था, जिनके खिलाफ भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं। अब तक 50-60 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।