National Census 2027:देशभर में लंबे समय से प्रतीक्षित राष्ट्रीय जनगणना 2027 (National Census 2027) को लेकर गृह मंत्रालय ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। यह अधिसूचना जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत जारी की गई है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि जनगणना वर्ष 2027 में संपन्न कराई जाएगी। इस अधिसूचना के साथ ही भारत की अगली जनगणना की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई है, जो देश की जनसंख्या और सामाजिक-आर्थिक संरचना की सटीक जानकारी उपलब्ध कराएगी।
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1 मार्च 2027 तक पूरी होगी जनगणना प्रक्रिया

गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, अधिकतर राज्यों में जनगणना के लिए 1 मार्च 2027 की आधी रात को संदर्भ तिथि माना जाएगा। इसी तिथि के आधार पर जनगणना से संबंधित सभी आंकड़े संकलित किए जाएंगे। मंत्रालय का कहना है कि यह प्रक्रिया करीब 21 महीनों में पूरी की जाएगी, जिसमें प्रारंभिक डेटा मार्च 2027 तक और विस्तृत जानकारी दिसंबर 2027 तक सामने आ जाएगी।
ठंडे इलाकों में पहले होगी गणना
देश के कुछ विशेष क्षेत्रों — जैसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड के ऊँचाई वाले बर्फबारी से प्रभावित इलाकों में — जनगणना की आधार तिथि अलग रखी गई है। इन इलाकों में मौसम की विषम परिस्थितियों को देखते हुए 1 अक्टूबर 2026 को ही जनगणना की शुरुआत की जाएगी ताकि मौसम की अनुकूलता में सर्वे कार्य संपन्न हो सके।
जातीय जनगणना भी इसी प्रक्रिया का हिस्सा
इस बार की जनगणना में सिर्फ जनसंख्या से संबंधित आंकड़े ही नहीं, बल्कि जातीय जनगणना (Caste Census) का भी समावेश होगा। इससे न केवल सामाजिक वर्गों की स्थिति स्पष्ट होगी, बल्कि सरकार को योजनाएं बनाने में भी अधिक सटीक जानकारी मिलेगी। यह निर्णय सामाजिक समावेश और कल्याणकारी नीतियों के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।
डिजिटल तकनीक के साथ होगी गणना प्रक्रिया
2027 की जनगणना में डिजिटल तकनीक का भी व्यापक उपयोग होगा। इस बार कई स्थानों पर मोबाइल ऐप, ऑनलाइन डेटा एंट्री, और क्लाउड-आधारित प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से जानकारी एकत्रित की जाएगी, जिससे प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, सटीक और समयबद्ध हो सकेगी।
जनगणना से जुड़े फैसले देश के लिए महत्वपूर्ण
जनगणना 2027 सिर्फ आंकड़ों की गणना नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक नीतियों की रीढ़ है। भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक ढांचे की मजबूती के लिए आवश्यक है। अधिसूचना जारी होते ही सभी राज्यों को दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं और तैयारियों की समीक्षा शुरू हो चुकी है।

