National Herald Case: कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में राहत भरी खबर आई है।नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में सुनवाई 16 दिसंबर तक टल गई है।दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में ईडी की चार्जशीट पर सुनवाई होनी थी।इस सुनवाई में PMLA स्पेशल कोर्ट को यह तय करना था कि,कांग्रेस नेता सोनिया गांधी,राहुल गांधी और अन्य को बतौर आरोपी समन जारी किया जाए या नहीं।
नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में सोनिया-राहुल को राहत

इससे पहले ईडी ने अप्रैल 2025 में सोनिया गांधी,राहुल गांधी,सैम पित्रोदा, सुनील भंडारी और दो कंपनियों यंग इंडियन और डोटेक्स मर्केनडाइज के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया था।सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी.राजू ने सोनिया गांधी,राहुल गांधी और अन्य पर आरोप लगाते हुए कहा था कि,इन सभी के खिलाफ प्रथम दृष्टया पीएमएलए के तहत मामला बनता है।
16 दिसंबर तक कोर्ट में टली सुनवाई
ईडी ने दावा किया कि,यंग इंडियन कंपनी का गठन ही असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 2 हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को हड़पने के लिए किया गया था।ईडी ने कहा कि,13 दिंसबर 2010 को राहुल गांधी कांग्रेस के महासचिव और पार्टी के मामलों के प्रभारी थे इसी दौरान उन्हें यंग इंडिया का निदेशक भी बनाया गया।जिसके बाद 19 दिसंबर 2010 को यंग इंडिया ने असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को चिट्ठी लिखकर कर्ज की अदायगी या उसे इक्विटी में बदलने की मांग की। जिसके बाद कांग्रेस द्वारा यंग इंडियन को 50 लाख रुपये की मामूली रकम के बदले AJL से 90.21 करोड़ रुपये का कर्ज वसूलने का अधिकार दे दिया गया।
2010 से जुड़े मामले में फंसे राहुल गांधी

कांग्रेस के महासचिव और पार्टी मामलों के प्रभारी होने के नाते राहुल गांधी की जानकारी और सक्रिय भागीदारी के बिना यह फर्जी लेनदेन नहीं हो सकता था।साथ ही आरोपियों सहित कांग्रेस के पदाधिकारियों द्वारा असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से 90 करोड़ के कर्ज की वसूली के लिए पहले कोई कदम नहीं उठाया गया,जबकि AJL की कीमती और आय अर्जित करने वाली परिसंपत्तियों के बारे में उन्हें अच्छी तरह पता था।
