Nawagarh Kila:Nawagarh Kila: नागवंशी राजाओं का किला या तांत्रिकों का केंद्र? जानें नवरत्नगढ़ का सच

मान्यता है कि इस किले में 9 दरवाज़े थे, जो नवरत्नों के नाम पर बनाए गए थे। इनमें से आठ दरवाज़े आम लोगों के लिए खुले रहते थे, लेकिन आखिरी यानी नवां दरवाज़ा आज तक रहस्य बना हुआ है।

Nivedita Kasaudhan
Nawagarh Kila
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Nawagarh Kila: झारखंड में स्थित नवरत्नगढ़ का किला महज़ पत्थरों से बनी एक संरचना नहीं है, बल्कि एक रहस्यमयी विरासत भी है जो कि सदियों से अपने अंदर अनगिनत रहस्यों को छिपाए हुए है। मान्यता है कि इस किले में 9 दरवाज़े थे, जो नवरत्नों के नाम पर बनाए गए थे। इनमें से आठ दरवाज़े आम लोगों के लिए खुले रहते थे, लेकिन आखिरी यानी नवां दरवाज़ा आज तक रहस्य बना हुआ है।

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पुरानी मान्यताओं के अनुसार किले में एक “छठा गुप्त द्वार” भी था, जो केवल नागवंशी राजाओं और उनके तांत्रिकों को ज्ञात था। इस द्वार के पीछे दिपा था काली विद्या का एक ऐसा ग्रंथ जिससे कोई भी व्यक्ति अजेय बन सकता था।

रहस्यमयी घटनाएं

नवरत्नगढ़ किले का निर्माण 16वीं शताब्दी में नागवंशी शासकों द्वारा किया गया था। यह किला केवल एक किला नहीं बल्कि उनकी राजधानी भी था। लेकिन वर्तमान समय में यह किला वीरान और जर्जद हालात में है, ​इसके खंडहर आज भी अपने अतीत की कहानियों को बयां करते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार किले के निर्माण के समय ही कई रहस्यमयी घटनाएं घटित हुईं, जिनके पीछे कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं, लेकिन किंवदंतियां आज भी जीवित हैं। जिसमें सबसे अधिक प्रसिद्ध है राजा दुर्जन राय नागवंशी की कहानी।

छठे द्वार का रहस्य

कहा जाता है कि जब मगण और बंगाल की सेनाएं किले की ओर बढ़ रही थीं, तब राजा दुर्जन राय ने अपने तांत्रिक सलाहकार भैरवनाथ को बुलाया। तांत्रिक ने सलाह दी कि राज्य की रक्षा के लिए छठे दरवाज़े को खोलना आवश्यक है लेकिन इसके लिए बलिदान अनिवार्य होगा।

राजा ने बिना किसी हिचक प्रजा की रक्षा के लिए सहमति दे दी। पूर्णिमा की रात तीसरे पहर जब चंद्रमा आधा था, किले की एक दीवार अपने आप खुल और छठा दरवाजा प्रकट हुआ। अंदर घना अंधकार था और राजा उसमें प्रवेश कर गए। लेकिन वह कभी वापस नहीं लौटें।

राजा आज भी है जीवित

स्थानीय लोगों के अनुसार पूर्णिमा की रात जब हवाएं तेज़ चलती हैं, तो किले से एक शेर जैसी गूंज सुनाई देती है। “मैं अब भी यहाँ हूँ, नवरत्नगढ़ की रक्षा कर रहा हूँ।” कुछ लोगों का कहना है कि डन्होंने किले की छत पर एक राजसी वस्त्रों में सजे व्यक्ति को खड़ा देखा, जो हवा में गायब हो गया।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है।प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

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