Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच एक महत्वपूर्ण मुठभेड़ हुई है, जिसमें माओवादियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। मोदकपाल थाना क्षेत्र के कांडुलनार के जंगलों में यह मुठभेड़ हुई, जहां सुरक्षा बलों ने कई माओवादीओं को मार गिराया। मुठभेड़ के बाद इलाके में घेराबंदी और ऑपरेशन जारी है।सुरक्षा बलों ने इस मुठभेड़ में अब तक 6 माओवादी के शव बरामद किए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, मारे गए माओवादियों में एक हाई-प्रोफाइल कमांडर भी शामिल है, हालांकि मृतकों की पहचान का काम अभी जारी है।
Naxal Encounter: मुठभेड़ के दौरान बरामद हथियार और विस्फोटक
ऑपरेशन के दौरान फायरिंग पूरी तरह से थमी नहीं है, और सुरक्षाबल पूरे इलाके में तलाशी अभियान जारी रखे हुए हैं। इस कार्रवाई को नक्सल विरोधी अभियान में एक महत्वपूर्ण सफलता माना जा रहा है।मुठभेड़ स्थल से बारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री भी बरामद की गई है। सुरक्षा बलों को यह सफलता एक गुप्त खुफिया सूचना मिलने के बाद मिली, जिसके आधार पर DRG-STF की टीम ने ऑपरेशन की योजना बनाई। सुरक्षा बलों द्वारा की गई कड़ी प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप माओवादियों को भारी नुकसान हुआ।
Naxal Encounter: पुलिस अधीक्षक ने दी जानकारी
इस अभियान पर बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र यादव ने पुष्टि की है कि ऑपरेशन अभी भी जारी है और आसपास के इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजे गए हैं, ताकि बचकर भागे माओवादियों को घेर लिया जा सके। साथ ही बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने इसे एक निर्णायक सफलता बताया, जो बस्तर क्षेत्र में माओवादियों के खिलाफ जारी नक्सल विरोधी अभियानों में एक महत्वपूर्ण कदम है।पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मुठभेड़ उस समय हुई जब माओवादी संगठन नेतृत्वहीन और कमजोर स्थिति में थे, और अपने कुछ ठिकानों तक सीमित हो चुके थे। इस मुठभेड़ के दौरान माओवादियों के द्वारा सुरक्षा बलों पर की गई फायरिंग का जवाब भी सुरक्षा बलों ने प्रभावी ढंग से दिया, जिससे माओवादी दवाब में आ गए।
हाल के महीनों में बस्तर क्षेत्र की सबसे बड़ी नक्सल विरोधी सफलता
बीजापुर में हुई इस मुठभेड़ को बस्तर क्षेत्र में हाल के महीनों की सबसे बड़ी नक्सल विरोधी सफलता माना जा रहा है। सुरक्षा बलों द्वारा की गई यह कार्रवाई न केवल माओवादियों की शक्ति को तोड़ने में महत्वपूर्ण साबित हुई है, बल्कि यह नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस की लगातार बढ़ती प्रभावशीलता का भी प्रतीक है।यह मुठभेड़ और उस दौरान की गई कार्रवाई नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की लगातार सक्रियता और उनके संचालन के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जो भविष्य में नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक कदम उठा सकता है।

