Naxalites Surrender in Chhattisgarh:छत्तीसगढ़ के बीजापुर और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिलों में सुरक्षा बलों को माओवादियों के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। दोनों राज्यों में अलग-अलग मुठभेड़ में कुल चार माओवादी मारे गए हैं।बीजापुर में बुधवार दोपहर से सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ चल रही थी। ऑपरेशन के बाद मौके से दो माओवादियों के शव बरामद किए गए हैं। वहीं, गढ़चिरौली जिले के जंगलों में हुई एक अन्य मुठभेड़ में दो और माओवादी ढेर किए गए हैं।इन दोनों घटनाओं में पुलिस और सुरक्षा बलों ने मौके से 303 राइफल, बीजीएल (BGL) लांचर और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जब्त की है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मारे गए माओवादियों की पहचान की प्रक्रिया जारी है।
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12 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
मुठभेड़ों के बीच एक और बड़ी सफलता सामने आई है। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में पांच-पांच लाख के इनामी माओवादी कमांडर आयतु और देवा समेत कुल 12 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। यह आत्मसमर्पण राज्य सरकार की पुनर्वास नीति और सुरक्षाबलों की लगातार दबाव रणनीति का परिणाम माना जा रहा है।समर्पित माओवादियों ने कहा कि वे मुख्यधारा में लौटकर सामान्य जीवन जीना चाहते हैं। पुलिस और प्रशासन ने इन सभी को कानून के तहत राहत और पुनर्वास योजना का लाभ देने का आश्वासन दिया है।
मुखबिरी के शक में दो ग्रामीणों की हत्या
हालांकि एक ओर जहां माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी क्रूरता भी सामने आई है। दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों में माओवादियों ने मुखबिरी के संदेह में दो ग्रामीणों की निर्मम हत्या कर दी।इस घटना ने फिर से इस बात को उजागर कर दिया है कि माओवादी संगठन अपने नियंत्रण वाले इलाकों में आम लोगों को डरा-धमका कर अपना दबदबा बनाए रखना चाहते हैं। पुलिस ने इन मामलों में भी जांच तेज कर दी है और दोषियों की तलाश जारी है।
पुलिस का अभियान जारी
लगातार चल रहे अभियानों और मुठभेड़ों से माओवादी संगठन में भारी दबाव और भय का माहौल है। बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और गढ़चिरौली जैसे संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन को और तेज कर दिया है।पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में और भी आत्मसमर्पण की उम्मीद है क्योंकि अब माओवादी विचारधारा से जुड़ी निराशा और संगठन के भीतर गुटबाजी सामने आ रही है।

