Jammu Kashmir Rajya Sabha: जम्मू-कश्मीर राज्यसभा चुनाव में NC की जीत, शम्मी ओबेरॉय की ऐतिहासिक उपलब्धि

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की है। इस चुनाव में शम्मी ओबेरॉय राज्यसभा पहुंचेंगे और वह जम्मू-कश्मीर से पहले सिख नेता बनेंगे। यह जीत NC के लिए राजनीतिक मजबूती का संकेत है और जम्मू-कश्मीर की सियासी परिदृश्य में पार्टी की भूमिका को और मजबूत करती है.

Chandan Das
Jammu

Jammu Kashmir Rajya Sabha: जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए जा रहे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के चौधरी मोहम्मद रमजान, जी एस ओबेरॉय उर्फ़ शम्मी ओबेरॉय और सज्जाद किचलू ने जीत दर्ज की है। जानकारी के अनुसार, सज्जाद किचलू को 57 वोट मिले। चौधरी मोहम्मद रमजान का सीधा मुकाबला बीजेपी के अली मोहम्मद मीर से था, जबकि सज्जाद किचलू का मुकाबला बीजेपी के राकेश महाजन से हुआ। चार सीटों में से तीन के नतीजे आ चुके हैं और एक सीट के नतीजे अभी आने बाकी हैं। विशेष रूप से, शम्मी ओबेरॉय जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा जाने वाले पहले सिख नेता होंगे, जो क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।

370 हटने के बाद पहला राज्यसभा चुनाव

5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में विभाजित किए जाने के बाद यह जम्मू-कश्मीर का पहला राज्यसभा चुनाव है। इस चुनाव को तीन अधिसूचनाओं में विभाजित कर आयोजित किया गया। निर्वाचन आयोग ने चार राज्यसभा सीटों के लिए तीन अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी की थीं। इनमें से दो सीटों पर अलग-अलग चुनाव हुए, जबकि बाकी दो सीटों के लिए एक ही अधिसूचना के तहत मतदान कराया गया।नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पार्टी कोषाध्यक्ष जी एस ओबेरॉय और अपने युवा राज्य प्रवक्ता इमरान नबी डार को बीजेपी के सत शर्मा के खिलाफ मैदान में उतारा। जी एस ओबेरॉय को शम्मी ओबेरॉय के नाम से भी जाना जाता है।

पीडीपी और कांग्रेस का समर्थन

राज्यसभा चुनाव के दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने विधायकों को मतदान के लिए तैयार रखने के लिए तीन-लाइन का व्हिप जारी किया। पीडीपी और कांग्रेस दोनों ने भी नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवारों का समर्थन करने की घोषणा की।

विधानसभा में स्थिति

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल 88 विधायक हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन और पीडीपी के पास मिलाकर 57 विधायक हैं। वहीं, 28 विधायकों वाली बीजेपी ने तीसरी अधिसूचना में अपनी रणनीति के तहत जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख सत शर्मा को उम्मीदवार बनाया। इस प्रकार, गठबंधन के मजबूत बहुमत के चलते नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवारों को आसानी से जीत हासिल हुई।

यह चुनाव जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया अध्याय जोड़ रहा है। शम्मी ओबेरॉय की जीत न केवल सिख समुदाय के लिए गर्व का अवसर है, बल्कि यह क्षेत्रीय राजनीति में विविधता और प्रतिनिधित्व को भी बढ़ावा देती है।जम्मू-कश्मीर राज्यसभा चुनाव के अंतिम नतीजे आने के बाद राजनीतिक समीकरण और भी स्पष्ट हो जाएंगे, लेकिन अभी तक की जीत ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की साख को और मजबूत कर दिया है।

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