C.P. Radhakrishnan: एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल और तमिलनाडु के वरिष्ठ नेता सी.पी. राधाकृष्णन (C.P. Radhakrishnan) को भारत के अगले उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। नामांकन की घोषणा होते ही राधाकृष्णन अपनी पत्नी के साथ मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचे और वहां आशीर्वाद लिया।
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मुख्यमंत्री फडणवीस ने दी बधाई
बताते चले कि, राज्यपाल के नाम की घोषणा के तुरंत बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राजभवन जाकर राधाकृष्णन को शुभकामनाएं दीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि राधाकृष्णन का चयन महाराष्ट्र के लिए गर्व की बात है। सीएम फडणवीस ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “राधाकृष्णन जी का चयन हम सभी महाराष्ट्रवासियों के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने सांसद और राज्यपाल रहते हुए विधायी और संवैधानिक मामलों की गहरी समझ विकसित की है। उपराष्ट्रपति पद पर उनकी उम्मीदवारी पूरे राज्य के लिए गर्व की अनुभूति कराती है।”
महाराष्ट्र सीएमओ ने भी साझा की जानकारी
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से भी एक पोस्ट जारी कर कहा गया कि कोल्हापुर से लौटने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई के राजभवन में जाकर राज्यपाल राधाकृष्णन को बधाई दी। पोस्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में उनकी घोषणा एनडीए के लिए अहम कदम है।
जे.पी. नड्डा ने की आधिकारिक घोषणा
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने पार्टी की संसदीय बोर्ड बैठक के बाद राधाकृष्णन के नाम की आधिकारिक घोषणा की। जेपी नड्डा ने कहा कि एनडीए जल्द ही विपक्षी दलों से भी संपर्क करेगा ताकि चुनाव निर्विरोध हो सके और देश को सर्वसम्मति से उपराष्ट्रपति मिले।
उपराष्ट्रपति पद क्यों हुआ खाली ?
आपको बता दे कि, यह पद पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के बाद खाली हुआ है। अब इस पद के लिए 9 सितंबर को चुनाव होना तय है। राधाकृष्णन के नाम सामने आते ही राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है और चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
तमिलनाडु से लेकर महाराष्ट्र तक समर्थन
तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले राधाकृष्णन का लंबा राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए मजबूत उम्मीदवार बनाता है। दो बार लोकसभा सांसद रह चुके राधाकृष्णन ने कोयंबटूर क्षेत्र में सक्रिय राजनीति की और बाद में उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया। राधाकृष्णन को राजनीति और प्रशासन दोनों क्षेत्रों में गहरी पकड़ रखने वाला नेता माना जाता है। सांसद रहते हुए उन्होंने विकास कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई और राज्यपाल रहते हुए संवैधानिक मूल्यों के पालन पर जोर दिया। यही अनुभव उन्हें इस चुनाव में और भी मजबूत दावेदार बनाता है।
महाराष्ट्र का समर्थन बना निर्णायक
हालांकि चुनाव का परिणाम 9 सितंबर को सामने आएगा, लेकिन महाराष्ट्र से मिले मजबूत समर्थन ने उनके नामांकन को और मजबूती दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्यपाल के रूप में राधाकृष्णन की कार्यशैली ने महाराष्ट्र के नेताओं और जनता का विश्वास जीता है। एनडीए की ओर से राधाकृष्णन का नाम तय होने के बाद अब निगाहें 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव पर टिकी हैं। अगर विपक्ष ने उम्मीदवार उतारा तो मुकाबला दिलचस्प होगा, लेकिन अगर सर्वसम्मति बनी तो राधाकृष्णन निर्विरोध उपराष्ट्रपति चुने जा सकते हैं।

