Nepal Protest:नेपाल में जारी सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों ने देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को बुरी तरह हिला कर रख दिया है। हाल ही में सामने आई एक चिंताजनक घटना में देशभर की विभिन्न जेलों से 7,000 से अधिक कैदी फरार हो गए हैं। इन घटनाओं ने नेपाल की जेल व्यवस्था और सुरक्षा प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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पश्चिमी नेपाल की जेल में पांच किशोरों की मौत
मंगलवार रात को पश्चिमी नेपाल के बांके जिले के बैजनाथ ग्रामीण नगर पालिका-3 स्थित नौबस्ता सुधार गृह में हिंसक झड़प हुई। इस झड़प में कम से कम पांच किशोर कैदियों की मौत हो गई जबकि चार अन्य घायल हो गए। यह झड़प उस समय हुई जब कैदियों ने जेल से भागने की कोशिश की और सुरक्षाकर्मियों के साथ भिड़ गए। इस जेल में कुल 585 कैदी थे, जिनमें से 149 फरार हो गए, वहीं किशोर सुधार गृह के 176 में से 76 बंदी भी भाग निकले।
विभिन्न जेलों से हजारों कैदी हुए फरार
दिल्लीबाजार जेल – 1,100 कैदी फरार
नक्खू जेल – 1,200 कैदी फरार
चितवन – 700 कैदी
झुम्पका, सुनसरी – 1,575 कैदी
कंचनपुर – 450 कैदी
कैलाली – 612 कैदी
जलेश्वर – 576 कैदी
कास्की – 773 कैदी
डांग – 124 कैदी
जुमला – 36 कैदी
सोलुखुम्बु – 86 कैदी
गौर – 260 कैदी
बजहांग – 65 कैदी
इन सभी जेलों में विरोध प्रदर्शनों के चलते अफरा-तफरी का माहौल रहा, जिसका फायदा उठाकर कैदियों ने भागने की योजना को अंजाम दिया।
सिंधुलीगढ़ी में सभी 471 कैदी फरार
दक्षिणी नेपाल के बागमती प्रांत के सिंधुलीगढ़ी की जिला जेल से 43 महिलाओं सहित सभी 471 कैदी फरार हो गए। रिपोर्ट के मुताबिक, कैदियों ने जेल में आग लगा दी और मुख्य द्वार को तोड़कर फरार हो गए। यह घटना बुधवार सुबह की बताई जा रही है।
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अन्य जिलों से भी कैदियों के भागने की घटनाएं
नवलपरासी पश्चिम जिला कारागार: यहां से 500 से अधिक कैदी फरार हो गए।
जुमला जिला जेल (चंदनाथ नगर पालिका-6): कम से कम 36 कैदी भागने में सफल रहे।
इन घटनाओं में कई जगह कैदियों ने जेल कर्मियों पर हमला भी किया। एक मामले में कैदियों ने जेल वार्डन पर लकड़ी की छड़ों से जानलेवा हमला किया और फिर मुख्य द्वार को तोड़कर फरार हो गए।
स्थिति नियंत्रण में लाने की कोशिश
नेपाल सरकार ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए विशेष सुरक्षा बलों को तैनात किया है और फरार कैदियों की तलाश के लिए तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं। हालांकि, इतनी बड़ी संख्या में कैदियों का एक साथ फरार होना देश की जेल प्रणाली की कमजोरियों को उजागर करता है।
