Nepal Protest:नेपाल में जारी Gen-Z आंदोलन की तुला अब राजनीतिक समझौते की दिशा में झुकी है। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, सेना प्रमुख अशोक राज सिग्देल, वरिष्ठ कानूनविदों और राजनीतिक दलों के बीच लंबी चर्चा के बाद पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की के नाम पर सभी पक्षों ने सहमति जताई है कि वे देश की अंतरिम सरकार की प्रधान हों। इस सहमति से यह संकेत मिलता है कि राजनीतिक गतिरोध को तोड़ा जा सकता है, हालांकि कुछ संवैधानिक मसलों — खासकर संसद विघटन — पर अभी भी ठोस निष्कर्ष नहीं निकला है।
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कौन बनेगा नेपाल का नया प्रधानमंत्री?
समाज के विभिन्न Gen-Z समूहों ने युवा प्रधानमंत्री की मांग की थी, और इस मांग को संविधान के दायरे में रखते हुए हल निकालने के लिए राष्ट्र अध्यक्ष ने सक्रिय भूमिका निभाई। सेना प्रमुख और संविधान विशेषज्ञों की सहायता से यह निर्णय लिया गया कि सुशीला कार्की ही इस संक्रमणकालीन स्थिति को संभालेंगी।लेकिन इस प्रक्रिया में विवाद भी हुआ। सांसदों के बीच संसद विघटन के मुद्दे पर मतभेद बरकरार हैं। कुछ दलों का कहना है कि संसद को तत्काल भंग नहीं किया जाना चाहिए, जबकि अन्य दलों का दबाव है कि संविधान संशोधन या अन्य संवैधानिक विकल्पों के माध्यम से तत्काल कार्रवाई हो।
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Gen-Z समूहों में मतभेद और उनके समर्थन की स्थिति
दिन भर जारी बातचीत के बाद भी Gen-Z से जुड़े कुछ समूहों ने अंतरिम प्रधान को लेकर सहमति नहीं बनाई हुई थी। शाम के वक़्त सेना मुख्यालय के पास समर्थकों के बीच टकराव की घटनाएँ भी हुई थीं, जिससे स्थिति कुछ अल्पविराम हो गई। आंदोलन के तीव्र होने की चेतावनियाँ भी दी जा रही थीं।लेकिन राष्ट्रपति की मध्यस्थता ने स्थिति को नियंत्रित करने में मदद की। राजनीतिक दलों ने भी सहयोग दिखाया। केपी शर्मा ओली, नेपाली कांग्रेस समेत अन्य नेताओं ने राष्ट्र अध्यक्ष से संवाद किया और संविधान के तौर-तरीकों का पालन करते हुए आगे बढ़ने पर सहमति व्यक्त की।
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संविधानविदों की राय और सुरक्षा का बंदोबस्त
संविधानविदों ने सुझाव दिया कि यदि वर्तमान व्यवस्था में ज़रूरत पड़े तो एक गैर‑संसदीय व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाया जाए, ताकि संक्रमणकालीन सरकार सुचारु रूप से काम कर सके। इसके लिए आवश्यक होगा कि संसद भंग की जाए या संशोधन किए जाएँ — लेकिन यह कदम संतुलित तरीके से हो।इस बीच सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया गया है। राजधानी काठमांडू एवं आसपास के इलाकों में सेना बलों की तैनाती बढ़ी है, नाइट-विजन हेलीकॉप्टर और बख्तरबंद वाहन तैनात किए गए हैं। अफवाहों और असमंजस से बचने के लिए जनता से संयम बरतने की अपील की गई है।
