Nepal Protests: नेपाल की राजधानी काठमांडू में युवा वर्ग यानी Gen-Z का भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। इस उग्र आंदोलन में अब तक 20 लोगों की जान जा चुकी है और 250 से अधिक लोग घायल हुए हैं। युवाओं का कहना है कि देश में सोशल मीडिया पर अचानक बैन और सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका आक्रोश इस आंदोलन की मुख्य वजह है।
Read More: Asia Cup 2025: कल से होगा एशिया कप का आगाज, ओपनिंग सेरेमनी होगी या नहीं ?
गृहमंत्री रमेश लेखक का इस्तीफा
उग्र प्रदर्शन के बीच एक बड़ी राजनीतिक खबर सामने आई। नेपाल के गृहमंत्री रमेश लेखक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने 15 जुलाई 2024 को गृहमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला था। उनका इस्तीफा इस प्रदर्शनकारियों की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि युवाओं के दबाव और लगातार बढ़ते विरोध प्रदर्शन ने इस कदम को मजबूर किया।
प्रधानमंत्री ओली का बयान
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस हिंसक प्रदर्शन को लेकर बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि जो कुछ हो रहा है, वह कानून के खिलाफ है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को कानून का पालन करने के लिए निर्देशित किया। ओली ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने और कानून का सम्मान करने का आग्रह किया।
सोशल मीडिया बैन और युवाओं का आक्रोश
हाल ही में नेपाल सरकार ने 26 ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगा दिया है। इसके तहत फेसबुक, यूट्यूब और एक्स (पूर्व ट्विटर) जैसी प्रमुख साइट्स 5 सितंबर से देश में ब्लॉक हैं। लाखों यूजर्स इस अचानक बैन से नाराज हैं। सोशल मीडिया पर लगी रोक ने युवाओं में भारी आक्रोश उत्पन्न किया और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका विरोध प्रदर्शन सड़कों पर उतर आया।
संसद में घुसने की कोशिश और पुलिस कार्रवाई
सोमवार को शुरू हुए प्रदर्शन में युवाओं ने संसद भवन तक घुसने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई। युवा प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने उनपर सीधे फायरिंग की। इस हिंसक घटना में अब तक 20 लोग मारे गए हैं जबकि 250 से अधिक लोग घायल हुए हैं। पुलिस और सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों को सक्रिय किया है।
नेपाल में Gen-Z का यह प्रदर्शन देश की राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता पर बड़ा प्रभाव डाल रहा है। गृहमंत्री रमेश लेखक का इस्तीफा प्रदर्शनकारियों की जीत माना जा रहा है। वहीं, सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं की मांगें अब भी बरकरार हैं। नेपाल सरकार के लिए यह चुनौती बनी हुई है कि कैसे हिंसक प्रदर्शन को शांत और कानून व्यवस्था को बहाल किया जाए।
Read More: Israel News: इजराइल में यरुशलम फायरिंग, 6 की मौत, 15 घायल, हमलावरों को सुरक्षा बलों ने ढेर किया
