Nepal Protests: नेपाल की राजनीति में संकट लगातार गहराता जा रहा है। सोमवार को हुए हिंसक Gen-Z प्रदर्शन और सोशल मीडिया प्रतिबंध के बाद देश की केपी शर्मा ओली सरकार एक बड़े राजनीतिक संकट से गुजर रही है। इस अशांति के बीच आज मंगलवार 9 सितंबर को सरकार के 9 मंत्रियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया। इन मंत्रियों ने सरकार की नीतियों और प्रदर्शन के दौरान की गई कठोर कार्रवाई को अपने इस्तीफे का मुख्य कारण भी बताया है।
Gen-Z आंदोलन ने हिलाई सरकार

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाए जाने के बाद देशभर में विशेषकर युवाओं के बीच भारी आक्रोश देखने को मिला। नई पीढ़ी ने इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला मानते हुए सड़कों पर उतरकर विरोध शुरू कर दिया। धीरे धीरे यह आंदोलन उग्र होता चला गया और कई जगहों पर हिंसक झड़पें देखने को मिलीं। बीरगंज में प्रदर्शनकारियों ने कानून मंत्री अजय कुमार चौरसिया के घर को आगे के हवाले कर दिया, जिससे पूरे देश में राजनीतिक तनाव और गहरा गया।
नौ मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
इन हालातों को देखते हुए ओली कैबिनेट के 9 मंत्रियों ने सरकार से अगल होने का फैसला लिया। इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और सूचना मंत्रालय से जुड़े कई प्रमुख नाम शामिल है। इन मंत्रियों का कहना है कि सरकार अब लोकतांत्रिक मूल्यों से भटक गई है और जनता की आवाज़ को दबाया जा रहा है। इन मंत्रियों का यह भी आरोप है कि सरकार ने युवाओं के शांतिपूर्ण विरोध को दबाने के लिए गैर जरूरी बल का प्रयोग किया, जो लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
उप-प्रधानमंत्री का भी इस्तीफा
इन इस्तीफों में सबसे बड़ा नाम उप-प्रधानमंत्री का है, जिनका पद छोड़ना इस बात का संकेत देता है कि असंतोष केवल मंत्रिपरिषद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सरकार के उच्चतम स्तर तक फैल गया है। इससे ओली सरकार की स्थिरता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं और राजनीतिक गलियारों में संभावित बदलाव की चर्चा भी तेज हो चुकी हैं।
ओली ने बुलाई सभी दलों की बैठक
नेपाल के पीएम के.पी. शर्मा ओली ने सोमवार शाम 6 बजे सभी दलों की बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा, “मैं हालात का आकलन करने और सार्थक समाधान खोजने के लिए संबंधित दलों से बातचीत कर रहा हूं, इसी सिलसिले में आज शाम 6 बजे सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है, मैं जनता से विनम्र अनुरोध करता हूं की इस कठिन समय में शांति बनाए रखें।”
काठमांडू में लगातार प्रदर्शन जारी
नेपाल की राजधानी काठमांडू में लगातार युवाओं का सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर आगजनी की, जिसके बाद भीड़ को तितर बितर करने के लिए सेना ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं। इस दौरान पत्रकारों ने भी धरना दिया और बैन को मीडिया की आजादी पर बड़ा हमला बताया।
वहीं कंप्यूटर एसोसिएशन ऑफ नेपाल (CAN) ने कहा कि अहम प्लेटफॉर्म्स को बंद करना शिक्षा, बिजनेस, कम्युनिकेशन और आम जन के जीवन पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। CAN अध्यक्ष सुनेना घिमिरे ने चेतावनी भी दे डाली की इससे नेपाल डिजिटल दुनिया से दूर हो सकता है। इस बीच सोशल मीडिया पर ‘नेपो किड’ भी तेजी से ट्रेंड कर रहा है। जिसमें युवा नेताओं और रसूखदार लोगों के बच्चों पर भ्रष्टाचार से कमाई गई सुविधाओं का आनंद लेने का भी आरोप लगा रहे हैं।

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