Nepal News: नेपाल में बीते कुछ दिनों से जारी राजनीतिक उठापटक आखिरकार शुक्रवार रात को एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई। देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकीं सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही नेपाल की प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया गया है। यह कदम राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने कार्की की सिफारिश पर उठाया।
राजनीतिक संकट की जड़ में Gen-Z प्रदर्शनकारी रहे, जिन्होंने सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर संसद भंग करने की मांग की थी। इन प्रदर्शनों के दबाव में आकर मौजूदा सरकार को इस्तीफा देना पड़ा और नई अंतरिम सरकार की राह खुल गई।
चुनाव की तारीखों का हुआ ऐलान

राष्ट्रपति कार्यालय से जारी आधिकारिक नोटिस में बताया गया कि नेपाल की प्रतिनिधि सभा (निचला सदन) को 12 सितंबर 2025 की रात 11 बजे भंग कर दिया गया। इसके साथ ही नए आम चुनाव की तारीख भी घोषित कर दी गई है। नेपाल में अब 5 मार्च 2026 को संसदीय चुनाव कराए जाएंगे। इस घोषणा के साथ ही देश में अस्थायी राजनीतिक स्थिरता का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
शपथ ग्रहण में दिखी सादगी
शुक्रवार देर रात, राष्ट्रपति पौडेल ने सुशीला कार्की को नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ के तुरंत बाद राष्ट्रपति ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए कहा, “हार्दिक बधाई, आप देश को बचाने में सफल होंगी।”
शपथ समारोह में मुख्य न्यायाधीश, शीर्ष अधिकारी, सुरक्षा बलों के प्रमुख और विदेशी राजनयिक शामिल रहे। विशेष बात यह रही कि समारोह में केवल एक पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टरई ही शामिल हुए। पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली, जिन्होंने कुछ दिन पहले इस्तीफा दिया था, शपथ ग्रहण में मौजूद नहीं थे। उनका कहना है कि वे वर्तमान में सेना की निगरानी में एक सुरक्षित स्थान पर हैं।
सोशल मीडिया पर कार्की को मिल रही बधाई
सुशीला कार्की की नियुक्ति की खबर सामने आते ही काठमांडू स्थित राष्ट्रपति कार्यालय ‘शीतल निवास’ के बाहर Gen-Z युवा समूह ने जश्न मनाया। सोशल मीडिया पर कार्की को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देने वालों का तांता लग गया।
एक युवती ने फेसबुक पर लिखा, “हां, यह मेरा घर है, मेरा कॉलेज है, अब मेरा देश भी मां के प्यार, त्याग और स्नेह से चलेगा।” इस तरह की प्रतिक्रियाएं यह दिखाती हैं कि आम जनता, खासकर युवा वर्ग, इस बदलाव से कितनी उत्साहित है।
राजनीतिक बदलाव के केंद्र में महिलाएं और युवा
सुशीला कार्की की अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति केवल एक संवैधानिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि नेपाल में सामाजिक और राजनीतिक बदलाव का प्रतीक बन चुकी है। एक महिला के शीर्ष पद तक पहुंचने और युवाओं की शक्ति से यह बदलाव संभव हो सका, यह नेपाल के लोकतंत्र की परिपक्वता और बदलते सामाजिक मूल्यों को दर्शाता है।

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