New Chief Justice of India: जस्टिस सूर्यकांत ने ली भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ, देश को मिला नया CJI

जस्टिस सूर्यकांत भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश बने हैं। उनका कार्यकाल 9 फरवरी 2027 तक रहेगा, क्योंकि 10 फरवरी 1962 को जन्मे सूर्यकांत 2027 में 65 वर्ष के हो जाएंगे और उसी दिन सेवानिवृत्त होंगे।

Nivedita Kasaudhan
New Chief Justice of India
देश को मिला नया CJI

New Chief Justice of India: भारत के न्यायिक इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार, 24 नवंबर 2025 को देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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जस्टिस गवई का कार्यकाल समाप्त

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देश को मिला नया CJI

जस्टिस सूर्यकांत ने जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का स्थान लिया, जिनका कार्यकाल 23 नवंबर 2025 को समाप्त हुआ। जस्टिस गवई लगभग साढ़े छह महीने तक इस पद पर रहे। अब जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल करीब डेढ़ साल का होगा और वे 9 फरवरी 2027 को सेवानिवृत्त होंगे। वर्तमान में उनकी आयु 63 वर्ष है।

साधारण परिवार से न्यायपालिका की ऊंचाइयों तक

जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार में हुआ था। वे एक सामान्य परिवार से आते हैं। पूर्व सीजेआई बी. आर. गवई ने अपने विदाई समारोह में बताया था कि उनकी और जस्टिस सूर्यकांत की दोस्ती गहरी है और दोनों ही साधारण परिवारों से निकलकर न्यायपालिका की ऊंचाइयों तक पहुंचे हैं।

शिक्षा और प्रारंभिक करियर

जस्टिस सूर्यकांत ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हिसार के सरकारी स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने 1981 में हिसार के गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। 1984 में उन्होंने रोहतक स्थित महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की और लॉ में बैचलर की डिग्री हासिल की।

कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने हिसार में ही प्रैक्टिस शुरू की और 1985 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में वकालत करने लगे।

एडवोकेट जनरल और उच्च शिक्षा

साल 2000 में जस्टिस सूर्यकांत हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने। इसके बाद उन्होंने 2011 में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर्स की पढ़ाई की। उन्होंने यह डिग्री डिस्टिंक्शन के साथ ‘फर्स्ट क्लास फर्स्ट’ में हासिल की, जो उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता को दर्शाता है।

न्यायिक करियर की उपलब्धियां

जस्टिस सूर्यकांत को 2018 में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। इसके बाद 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया। उनकी न्यायिक समझ और निष्पक्षता ने उन्हें देश की सर्वोच्च न्यायिक जिम्मेदारी तक पहुंचाया।

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