New GST Rate: भारत में आज से जीएसटी 2.0 (GST 2.0) की नई दरें लागू हो गई हैं। सरकार का दावा है कि इससे कर प्रणाली और सरल होगी और आम जनता को राहत मिलेगी। वहीं, कुछ सामान महंगे होंगे, तो कई चीजें सस्ती भी हो जाएंगी। आइए जानते हैं, इस बदलाव का आपके रोज़मर्रा की जिंदगी पर क्या असर होगा।
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जीवन बीमा पॉलिसियों पर अब टैक्स नहीं
नई GST दरों के लागू होने के बाद सभी व्यक्तिगत जीवन बीमा योजनाएं पूरी तरह से जीएसटी से मुक्त कर दी गई हैं। इसका सीधा फायदा आम नागरिकों को होगा क्योंकि अब उन्हें पॉलिसी प्रीमियम पर अतिरिक्त टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
हेल्थ इंश्योरेंस हुआ सस्ता
अब व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) पॉलिसी पर भी जीएसटी नहीं देना होगा। यह फैसला मिडिल क्लास और बुजुर्गों के लिए राहतभरा है, क्योंकि मेडिकल खर्चों में पहले से ही भारी बोझ होता है।
दवाओं पर राहत
दवाओं को पूरी तरह से टैक्स फ्री नहीं किया गया है, लेकिन इन्हें अब 5% स्लैब में रखा गया है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, पूरी छूट देने से दवा निर्माता इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा नहीं कर पाते। इसलिए 5% टैक्स बरकरार रखा गया है।
दूध पर कैसा असर पड़ा?
डेयरी सोर्स से प्राप्त UHT (Ultra High Temperature) दूध अब पूरी तरह टैक्स फ्री होगा। सोया दूध और अन्य प्लांट-बेस्ड दूध उत्पादों पर 5% जीएसटी लागू रहेगा।
फेस पाउडर और शैम्पू पर राहत
फेस पाउडर और शैम्पू जैसे रोजमर्रा के उत्पाद अब सस्ते होंगे। सरकार ने कहा है कि दरों में कटौती से बड़ी कंपनियों को नहीं, बल्कि आम उपभोक्ताओं और बाजार प्रणाली को फायदा मिलेगा।
बिना ड्राइवर के किराए पर ली गई चीजों पर क्या होगा टैक्स
अब अगर कोई वस्तु (जैसे कार) बिना चालक के किराए पर ली जाती है, तो उस पर वही जीएसटी लगेगा जो उसकी बिक्री पर लगता है। यानी अगर कार पर 18% टैक्स है, तो किराए पर भी उतना ही टैक्स देना होगा।
आयात पर भी लागू होंगी नई दरें
GST 2.0 की नई दरें अब सभी आयातित वस्तुओं पर भी लागू होंगी। जब तक सरकार की ओर से कोई अलग छूट अधिसूचित नहीं की जाती, तब तक IGST इन्हीं नई दरों पर वसूला जाएगा।
हवाई यात्रा पर टैक्स
इकोनॉमी क्लास की फ्लाइट टिकट पर 5% टैक्स जारी रहेगा, जबकि बिजनेस या प्रीमियम क्लास के टिकट पर 18% जीएसटी लगेगा। सड़क परिवहन पर ITC के बिना 5% कर जारी रहेगा।
स्थानीय डिलीवरी सेवाओं पर नया नियम
अगर कोई स्थानीय डिलीवरी सेवा गैर-पंजीकृत सेवा प्रदाता द्वारा ई-कॉमर्स कंपनियों के माध्यम से की जा रही है, तो अब जीएसटी की जिम्मेदारी सेवा प्रदाता की बजाय ई-कॉमर्स ऑपरेटर की होगी।

