Nimisha Priya को यमन में मौत की सजा! ‘ब्लड मनी’ से जान बचाने के लिए मां ने याचिका दायर की, जानिए पूरा मामला

केरल की निवासी नर्स निमिषा प्रिया को यमन में मौत की सजा सुनाई गई है। इस बीच, 'ब्लड मनी' की चर्चा भी जोर पकड़ रही है। अब यह देखना होगा कि क्या ब्लड मनी के माध्यम से निमिषा की जान बचाई जा सकती है। जानकारी के अनुसार, निमिषा पर हत्या का आरोप है।

Aanchal Singh
Nimisha Priya

Nimisha Priya News: केरल की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) को यमन में हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है। यमन की सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी अर्जी खारिज किए जाने के बाद, अब यमन के राष्ट्रपति को इस मामले पर अंतिम निर्णय लेना है। निमिषा की मां ने अपनी बेटी को बचाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने यमन जाने की अनुमति मांगी है ताकि वह मृतक के परिवार से ‘ब्लड मनी’ के जरिए मुआवजा देकर अपनी बेटी की जान बचा सकें।

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निमिषा पर यमनी नागरिक महदी की हत्या का आरोप

निमिषा पर यमनी नागरिक महदी की हत्या का आरोप

बताते चले कि निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) यमन में नर्स के रूप में काम कर रही थी. उन पर आरोप है कि उन्होंने एक यमनी नागरिक आब्दो महदी की हत्या की थी। जानकारी के अनुसार, महदी ने निमिषा की क्लीनिक खोलने में मदद करने का वादा किया था, लेकिन बाद में उसने अपने वादे को पूरा नहीं किया। इसके बाद महदी ने निमिषा को परेशान करना शुरू किया और उसे अपनी दूसरी पत्नी बताने लगा। महदी ने बार-बार पैसे मांगने की धमकी दी, जिससे परेशान होकर निमिषा ने पुलिस में शिकायत की थी, जिसके बाद महदी को कुछ दिनों तक जेल भी रहना पड़ा।

पासपोर्ट वापस पाने के लिए दिया ओवरडोज इंजेक्शन

महदी के जेल से बाहर आते ही, उसने निमिषा (Nimisha Priya) का पासपोर्ट छीन लिया, जिसे वापस पाने के लिए निमिषा ने उसे बेहोश करने के लिए इंजेक्शन दिया। हालांकि, इंजेक्शन का डोज ओवरडोज हो गया और महदी की मौत हो गई। इसके बाद निमिषा ने अपनी कलीग हनान के साथ मिलकर महदी के शरीर को टुकड़ों में बांटकर उसे पानी के टैंक में फेंक दिया। इस अपराध के लिए निमिषा को 2018 में मौत की सजा सुनाई गई, जबकि हनान को आजीवन कारावास की सजा मिली। निमिषा का एक 8 साल का बेटा भी है, जो उसकी वापसी की उम्मीद करता है।

निमिषा की मां ने ‘ब्लड मनी’ के लिए यमन यात्रा की अनुमति मांगी

हाल ही में, केंद्र सरकार के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट में बताया कि भारतीयों की यमन यात्रा पर लगाए गए प्रतिबंध में छूट मिल सकती है, लेकिन इसके लिए बेहद विशेष कारण और समय की पाबंदी होनी चाहिए। निमिषा की मां ने कोर्ट को बताया कि वह ‘ब्लड मनी’ के माध्यम से महदी के परिवार से समझौता करना चाहती हैं, लेकिन भारतीयों की यमन यात्रा पर लगे प्रतिबंध के कारण वह यह नहीं कर पा रही हैं।

निमिषा की जान बचाने के लिए ‘ब्लड मनी’ पर टिकी उम्मीदें

निमिषा की जान बचाने के लिए 'ब्लड मनी' पर टिकी उम्मीदें

‘ब्लड मनी’ एक परंपरागत व्यवस्था है, जिसके तहत मृतक के परिवार को हर्जाने के रूप में मोटी रकम दी जाती है, जिससे दोषी की जान बचाई जा सकती है। इस मामले में, महदी के परिवार ने निमिषा के परिवार से 5 करोड़ यमनी रियाल की मांग की थी, जो भारतीय मुद्रा में लगभग 1.52 करोड़ रुपये होती है। निमिषा (Nimisha Priya) की मां इस राशि को चुकता करके अपनी बेटी की जान बचाने की कोशिश कर रही हैं। यह मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित कर रहा है, क्योंकि निमिषा की जिंदगी और उसके परिवार की उम्मीदें अब इस ‘ब्लड मनी’ पर टिकी हैं।

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