Nimisha Priya Yemen Case:यमन में फांसी की सजा का सामना कर रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को लेकर सोमवार को एक बड़ी खबर सामने आई। भारतीय विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, निमिषा की मौत की सजा फिलहाल टाल दी गई है। उन्हें 16 जून को फांसी दी जानी थी, लेकिन अब यह टल गई है। फिलहाल वह हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले इलाके में स्थित सना की जेल में बंद हैं।निमिषा को यमन में अपने पूर्व व्यवसायिक साझेदार तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोषी ठहराया गया है। यह मामला लंबे समय से चर्चा में बना हुआ है और इसे लेकर भारत सरकार भी लगातार प्रयासरत रही है।
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तलाल के परिवार ने किया आरोपों का खंडन
इस मामले में नया मोड़ तब आया जब मृतक तलाल अब्दो महदी के भाई अब्देल फतेह महदी ने बीबीसी अरबी सेवा को दिए इंटरव्यू में निमिषा के लगाए आरोपों को झूठा करार दिया। उन्होंने कहा कि निमिषा के वकील द्वारा अदालत में दिए गए तर्क – जिसमें पासपोर्ट जब्त करने, पैसे हड़पने और शारीरिक शोषण के आरोप लगाए गए थे – पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।अब्देल ने स्पष्ट किया कि न तो निमिषा ने पहले कभी यह बात कही, और न ही किसी कानूनी प्रक्रिया में इसका कोई उल्लेख किया गया। उन्होंने इन आरोपों को एक साजिश बताते हुए कहा कि हत्या को सही ठहराने के लिए इस तरह की कहानियां गढ़ी जा रही हैं।
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रिश्तों पर भी उठे सवाल, क्या थी सच्चाई?
निमिषा और तलाल के रिश्तों को लेकर अब्देल ने बताया कि दोनों एक-दूसरे को जानते थे और एक साथ मेडिकल क्लिनिक चलाते थे। इसी दौरान उनकी शादी भी हुई और दोनों कई वर्षों तक साथ रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि अब तथ्यों को तोड़-मरोड़कर हत्यारोपी को पीड़िता की तरह पेश किया जा रहा है, जो न्याय के साथ अन्याय है।
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भारत सरकार के प्रयास रंग लाए, माफी अभी भी दूर
विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारतीय अधिकारी यमन की सरकार और जेल प्रशासन के संपर्क में रहे। इसी निरंतर संवाद और प्रयास के कारण फांसी की सजा पर फिलहाल रोक लगाई गई है। हालांकि, यह पूरी तरह माफी नहीं है, और खतरा अब भी बना हुआ है।
केरल के धार्मिक नेताओं की भी पहल
इस बीच, केरल के एक प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरु ग्रैंड मुफ्ती एपी अबूबकर मुसलियार ने भी इस मुद्दे में हस्तक्षेप किया है। उन्होंने यमन के धार्मिक नेताओं और मृतक के परिवार से संपर्क किया और एक बैठक बुलवाई गई, जिसमें कुछ प्रभावशाली लोग और मृतक के रिश्तेदार शामिल होंगे।यह बैठक संभावित रूप से इस मामले को आपसी सहमति से सुलझाने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकती है।

