India UK Education Deal: भारत और ब्रिटेन के संबंध एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने शिक्षा, रक्षा, व्यापार और खनिज क्षेत्रों में कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस दौरे की सबसे बड़ी घोषणा रही कि ब्रिटेन की 9 यूनिवर्सिटी भारत में अपने कैंपस शुरू करेंगी, जिससे भारतीय छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा अपने देश में ही मिल सकेगी।
उच्च शिक्षा में बड़ा कदम
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने मुंबई में ऐलान किया कि ब्रिटेन की नौ प्रमुख यूनिवर्सिटी जल्द ही भारत में शैक्षणिक कैंपस स्थापित करेंगी। उन्होंने कहा कि भारत में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा की भारी मांग है और इस कदम से इंटरनेशनल एजुकेशन को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर खुशी जताते हुए बताया कि ब्रिटेन की साउथम्पटन यूनिवर्सिटी का गुरुग्राम कैंपस पहले ही शुरू हो चुका है, जहां छात्रों ने दाखिला लेना शुरू कर दिया है।
भारतीय वायुसेना अब ब्रिटेन को देगी ट्रेनिंग
दोनों देशों के बीच हुए सैन्य समझौते के तहत अब भारतीय वायुसेना के फ्लाइंग ट्रेनर ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स को ट्रेनिंग देंगे। यह पहली बार होगा जब भारत इस तरह की रक्षा प्रशिक्षण भूमिका निभाएगा, जिससे दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी को और मजबूती मिलेगी।
धनबाद में बनेगा रिसर्च सेंटर
भारत और ब्रिटेन ने क्रिटिकल मिनरल्स की आपूर्ति श्रृंखला पर निगरानी रखने के लिए एक सप्लाई चेन ऑब्जर्वेटरी स्थापित करने की घोषणा की है। इसका उप-कैंपस झारखंड के धनबाद में स्थित इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स (IIT ISM) में बनाया जाएगा। इस साझेदारी से भारत को ऊर्जा और खनिज संसाधनों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।
व्यापार और तकनीक में नई ऊंचाई
जुलाई में दोनों देशों के बीच हुए व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इससे आयात-निर्यात आसान होगा, रोजगार के नए अवसर बनेंगे और युवाओं को लाभ मिलेगा। स्टार्मर ने कहा कि भारत-ब्रिटेन अब AI, डिफेंस टेक्नोलॉजी, एडवांस कम्युनिकेशन जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे, जिससे दोनों देशों की तकनीकी शक्ति में बढ़ोतरी होगी।स्टार्मर ने अपने यशराज स्टूडियो दौरे का जिक्र करते हुए बताया कि ब्रिटेन में बॉलीवुड फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए समझौता किया गया है, जिससे दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंध भी मजबूत होंगे।
भविष्य की साझेदारी पर जोर
स्टार्मर ने कहा, “हम भारत की विकास यात्रा में भागीदार बनना चाहते हैं। इसीलिए मैं इस बार रिकॉर्ड 126 ब्रिटिश व्यवसायों को साथ लेकर आया हूं।” उन्होंने भारत को 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य पर बधाई दी। भारत और ब्रिटेन के बीच यह रणनीतिक साझेदारी शिक्षा, रक्षा, व्यापार और तकनीक के क्षेत्र में नए अध्याय खोल रही है। ब्रिटिश यूनिवर्सिटी का भारत में आना, वायुसेना ट्रेनिंग और मिनरल्स में सहयोग आने वाले वर्षों में दोनों देशों के रिश्तों को और गहरा बनाएगा। इस यात्रा ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत और ब्रिटेन अब भविष्य की वैश्विक चुनौतियों से मिलकर निपटने के लिए तैयार हैं।
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