Nobel Economics 2025: वर्ष 2025 का नोबेल अर्थशास्त्र पुरस्कार (Sveriges Riksbank Prize in Economic Sciences in Memory of Alfred Nobel) जोएल मोकिर (Joel Mokyr), फिलिप अगियन (Philippe Aghion) और पीटर होविट (Peter Howitt) को दिया गया है। तीनों अर्थशास्त्रियों को यह पुरस्कार “नवाचार-संचालित आर्थिक विकास की व्याख्या” के लिए प्रदान किया गया है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने रविवार को इसकी घोषणा की। पुरस्कार की राशि 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (लगभग 1.2 मिलियन डॉलर) है।
क्या कहा गया पुरस्कार समिति की ओर से?
पुरस्कार समिति ने कहा:”इन विद्वानों ने यह सिखाया है कि सतत आर्थिक विकास को कभी भी सुनिश्चित नहीं माना जा सकता। अधिकांश मानव इतिहास में आर्थिक स्थिरता रही है, न कि विकास। इनका शोध यह दर्शाता है कि हमें सतत विकास के लिए खतरों के प्रति सतर्क रहना होगा और उन्हें रोकने के प्रयास करने होंगे।”
BREAKING NEWS
The Royal Swedish Academy of Sciences has decided to award the 2025 Sveriges Riksbank Prize in Economic Sciences in Memory of Alfred Nobel to Joel Mokyr, Philippe Aghion and Peter Howitt “for having explained innovation-driven economic growth” with one half to Mokyr… pic.twitter.com/ZRKq0Nz4g7
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 13, 2025
इन अर्थशास्त्रियों के काम की खास बातें
जोएल मोकिर ने इतिहास और अर्थशास्त्र के गहरे तालमेल को उजागर करते हुए यह दिखाया कि कैसे वैज्ञानिक प्रगति और तकनीकी नवाचारों ने औद्योगिक क्रांति और उसके बाद के समय में दुनिया की आर्थिक संरचना को बदला।फिलिप अगियन और पीटर होविट ने एंडोजेनस ग्रोथ थ्योरी (Endogenous Growth Theory) को आगे बढ़ाया। इनके मॉडल यह दर्शाते हैं कि शिक्षा, अनुसंधान एवं विकास (R&D) और नवाचार किस प्रकार दीर्घकालिक आर्थिक विकास को प्रभावित करते हैं।इनका कार्य इस बात की गहरी समझ देता है कि क्यों कुछ देश तेज़ी से आगे बढ़ते हैं जबकि दूसरे आर्थिक ठहराव का सामना करते हैं।
अर्थशास्त्र का नोबेल: एक ऐतिहासिक दृष्टिकोण
नोबेल शांति, साहित्य, रसायन, भौतिकी और चिकित्सा पुरस्कार की शुरुआत 1901 में हुई थी, जो कि अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत पर आधारित हैं।अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार बाद में 1969 में शुरू किया गया, जब पहला पुरस्कार नॉर्वे के रैगनार फ्रिस्च और नीदरलैंड्स के जान टिनबर्गन को डायनामिक इकोनॉमिक मॉडलिंग में उनके योगदान के लिए मिला था।
पिछले साल का पुरस्कार
2024 में यह पुरस्कार साइमन जॉनसन, जेम्स रॉबिन्सन और डैरोन अजे़मोग्लू को दिया गया था। उन्होंने उपनिवेशवाद और सार्वजनिक संस्थानों की स्थापना के बीच संबंधों का विश्लेषण कर यह बताया था कि कुछ देश दशकों से गरीबी में क्यों फंसे हुए हैं।
जोएल मोकिर, फिलिप अगियन और पीटर होविट का यह योगदान आज के वैश्विक परिप्रेक्ष्य में अत्यंत महत्वपूर्ण है, जब नवाचार, तकनीकी विकास और शिक्षा को आर्थिक प्रगति का इंजन माना जा रहा है। इनका कार्य न केवल आर्थिक सिद्धांतों को गहराई से समझने में मदद करता है, बल्कि यह नीति-निर्माताओं को दीर्घकालिक विकास रणनीतियां बनाने के लिए भी मार्गदर्शन देता है।
