North Korea: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने एक बार फिर अमेरिका की नींदें उड़ा दी हैं। लेकिन इस बार बात इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM), हाइपरसोनिक मिसाइल या परमाणु हथियारों की नहीं, बल्कि देश के खुद के बनाए गए अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम की है। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने अपने दो नए एयर डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण किया है, जिसे रूस के S-400 जैसा माना जा रहा है।
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किम जोंग ने किया निरीक्षण

KCNA के अनुसार, उत्तर कोरिया ने 23 अगस्त को इन दोनों डिफेंस सिस्टम का परीक्षण किया। इस परीक्षण के दौरान तानाशाह किम जोंग उन खुद मौजूद थे और उन्होंने अज्ञात स्थान पर बैठकर इसकी निगरानी की। यह परीक्षण ऐसे समय में हुआ है जब हाल ही में 19 अगस्त को दक्षिण और उत्तर कोरिया के सैनिकों के बीच सीमा विवाद को लेकर झड़प हुई थी। इस स्थिति ने कोरियाई प्रायद्वीप में पहले से मौजूद तनाव को और बढ़ा दिया।
नई तकनीक की खासियत
उत्तर कोरिया ने इस एयर डिफेंस सिस्टम की तकनीकी जानकारी ज्यादा साझा नहीं की है, लेकिन बताया गया है कि इसका ऑपरेशन और रिएक्शन मोड बिल्कुल नया और उन्नत तकनीक पर आधारित है। KCNA का दावा है कि यह डिफेंस सिस्टम किसी भी हवाई लक्ष्य को प्रभावी रूप से मार गिराने की क्षमता रखता है। रिपोर्ट में कहा गया कि इसकी फायरिंग से साबित हो गया कि यह प्रणाली युद्ध की स्थिति में बेहद कारगर साबित हो सकती है।
दक्षिण कोरिया से टकराव के बीच परीक्षण
उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच 19 अगस्त को एलओसी (नियंत्रण रेखा) पार करने को लेकर तनाव हुआ था। दक्षिण कोरिया ने चेतावनी स्वरूप गोलियां चलाई थीं। इस घटनाक्रम के तुरंत बाद उत्तर कोरिया ने अपने नई एयर डिफेंस सिस्टम का परीक्षण कर यह स्पष्ट संकेत दिया कि वह किसी भी चुनौती के लिए तैयार है। इस कदम से अमेरिका की चिंता और बढ़ गई है क्योंकि दक्षिण कोरिया उसका प्रमुख सहयोगी है।
उत्तर कोरिया की सैन्य ताकत
ह्वासोंग-19 मिसाइल
यह ICBM अक्टूबर 2024 में टेस्ट किया गया था। इसकी मारक क्षमता 15,000 किलोमीटर है, जो अमेरिका तक आसानी से हमला कर सकती है। यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है। सॉलिड फ्यूल टेक्नोलॉजी के कारण इसे जल्दी लॉन्च किया जा सकता है और इसे ट्रैक करना बेहद मुश्किल है।
हाइपरसोनिक मिसाइल
उत्तर कोरिया ने कई हाइपरसोनिक मिसाइलें तैयार की हैं जो ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक तेज़ चलती हैं। इनकी रेंज लगभग 1,000 किलोमीटर है और इन्हें ट्रैक करना लगभग नामुमकिन है, जिससे यह अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए बड़ा खतरा बन गया है।
परमाणु हथियारों का जखीरा
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, उत्तर कोरिया के पास लगभग 50 परमाणु हथियार हैं और वह लगभग 90 तक परमाणु बम बना सकता है। यह स्थिति न केवल अमेरिका बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी बड़ी चुनौती है।
बढ़ती सैन्य ताकत
उत्तर कोरिया का नया एयर डिफेंस सिस्टम न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि यह अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए एक सीधा संदेश भी है। किम जोंग उन का यह कदम साबित करता है कि वह किसी भी सूरत में अपनी सैन्य क्षमताओं से समझौता नहीं करने वाले हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया इस पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।


