Omar Abdullah: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में कथित गड़बड़ी और हैकिंग के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि EVM हैक नहीं होती है। यह बात तब और भी महत्वपूर्ण हो जाती है जब उन्होंने इस मुद्दे पर अपने पिता और अनुभवी राजनेता फारूक अब्दुल्ला से भी अपनी असहमति स्पष्ट कर दी है।
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EVM की विश्वसनीयता पर उमर अब्दुल्ला की दो टूक
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में एक प्रमुख समाचार पत्र को दिए गए साक्षात्कार में ईवीएम की निष्पक्षता को लेकर अपने स्पष्ट विचार सामने रखे हैं। उन्होंने उन सभी राजनीतिक दलों और व्यक्तियों की राय से असहमति जताई है जो यह मानते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में छेड़छाड़ की जा सकती है या उन्हें हैक किया जा सकता है।
उमर अब्दुल्ला ने मानी EVM की मज़बूती
उमर अब्दुल्ला ने अपनी बात को और मजबूती से रखते हुए यह कबूल किया कि EVM की विश्वसनीयता को लेकर उनकी राय उनके पिता फारूक अब्दुल्ला से बिल्कुल अलग है। उन्होंने कहा, “मैं ऐसा नहीं मानता कि ईवीएम में किसी तरह की वोट चोरी होती है।”
यह वैचारिक भिन्नता इतनी गंभीर है कि उमर अब्दुल्ला ने यह भी स्वीकार किया कि यह विषय उन्हें पारिवारिक स्तर पर भी असहज करता है। उन्होंने बताया, “यह बात मुझे घर में भी परेशानी में डालती हैं, क्योंकि मैं अपने पिता से असहमत हूं, क्योंकि वे सोचते हैं कि ईवीएम हैक होती है।” इस बयान से स्पष्ट होता है कि EVM की सुरक्षा पर उनका दृढ़ विश्वास है, भले ही इसके लिए उन्हें अपने परिवार के सबसे अनुभवी सदस्य की राय से क्यों न हटना पड़े।
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उमर अब्दुल्ला ने जताई अन्य चुनावी अनियमितताओं की आशंका
ईवीएम हैकिंग को पूरी तरह से खारिज करने के बावजूद, उमर अब्दुल्ला ने चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के अन्य संभावित तरीकों पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि चुनाव में गड़बड़ी हो सकती है, लेकिन वह EVM हैक होने की बात से सहमत नहीं हैं।
मुख्यमंत्री के अनुसार, चुनावों में छेड़छाड़ या मतदाता सूची में बदलाव जैसे अवैध तरीके हो सकते हैं जिनसे चुनाव के परिणामों को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया जा सकता है। उनका यह बयान ईवीएम सुरक्षा और पूरी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता के बीच सूक्ष्म अंतर को दर्शाता है। वह मानते हैं कि मशीनें अभेद्य हैं, लेकिन मानवीय हस्तक्षेप वाले पहलुओं में त्रुटियां या अनियमितताएं संभव हैं।
चुनाव आयोग की जिम्मेदारी और राजनीतिक दलों की चिंताएं
इससे पहले, बुधवार को भी उमर अब्दुल्ला ने EVM पर सवाल उठाने की प्रवृत्ति पर अपनी असहजता जाहिर की थी। उन्होंने दृढ़ता से कहा था कि ईवीएम में छेड़खानी नहीं की जा सकती है और न ही उनके माध्यम से वोट चोरी हो सकते हैं।
हालांकि, उन्होंने माना कि चुनाव को अन्य तरीकों से प्रभावित किया जा सकता है। उन्होंने राजनीतिक दलों द्वारा मतदाता सूची (SIR) को लेकर व्यक्त की गई चिंताओं को जायज ठहराया। उमर अब्दुल्ला ने चुनाव आयोग (EC) को आगाह करते हुए कहा कि मतदाता सूची से जुड़ी इन चिंताओं को दूर करना उसकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने जोर दिया कि पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग को ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि जनता का विश्वास बना रहे और चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर कोई संदेह न रहे।
