Jammu-Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में बडगाम और नगरोटा विधानसभा सीटों पर 11 नवंबर को होने वाले उपचुनाव से पहले राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच बयानबाजी तेज होती जा रही है। इस बीच, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता विपक्ष सुनील शर्मा ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर गंभीर आरोप लगाया है कि उन्होंने 2024 के विधानसभा चुनावों के बाद बीजेपी से गठबंधन करने की कोशिश की थी।
बीजेपी नेता का बड़ा दावा

सुनील शर्मा ने दावा किया कि उमर अब्दुल्ला ने चुनाव परिणामों के बाद दिल्ली में बीजेपी नेताओं से मुलाकात की थी ताकि राज्य में सरकार बनाने के लिए संभावित गठबंधन पर बातचीत की जा सके। शर्मा ने यहां तक कहा कि अगर उमर अब्दुल्ला ने ऐसा नहीं किया है तो वे किसी मस्जिद या धार्मिक स्थल पर जाकर कसम खाकर इसका खंडन करें। उनके इस बयान ने जम्मू-कश्मीर की राजनीति में हलचल मचा दी और सोशल मीडिया पर यह मामला चर्चा का विषय बन गया।
उमर अब्दुल्ला का जवाब – ‘कुरान की कसम खाकर कहता हूं झूठ है ये आरोप’
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी नेता के आरोपों का जवाब बेहद सख्त लहजे में दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “मैं कुरान की कसम खाता हूं कि मैंने 2024 में राज्य का दर्जा पाने या किसी भी राजनीतिक लाभ के लिए बीजेपी से किसी प्रकार के गठबंधन की कोशिश नहीं की।”
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी नेता जानबूझकर झूठ फैला रहे हैं ताकि जनता को गुमराह किया जा सके। उमर अब्दुल्ला ने यह भी दोहराया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस हमेशा से बीजेपी की नीतियों और विचारधारा का विरोध करती आई है और आगे भी करेगी।
उपचुनाव की पृष्ठभूमि और राजनीतिक महत्व
बडगाम सीट पर उपचुनाव इसलिए कराया जा रहा है क्योंकि 2024 के विधानसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला ने दो सीटों—बडगाम और गंदेरबल—से जीत दर्ज की थी। बाद में उन्होंने गंदेरबल सीट बरकरार रखी और बडगाम सीट से इस्तीफा दे दिया। दूसरी ओर, नगरोटा सीट बीजेपी विधायक देवेंद्र सिंह राणा के निधन के बाद रिक्त हुई थी।
इन दोनों सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होना है, और नतीजों का असर राज्य की राजनीतिक दिशा पर पड़ सकता है। यही कारण है कि चुनाव से पहले नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है।
राजनीतिक बयानबाजी से बढ़ा चुनावी तापमान
जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, वैसा-वैसा दोनों दलों के बीच जुबानी जंग बढ़ती जा रही है। बीजेपी जहां नेशनल कॉन्फ्रेंस पर पर्दे के पीछे समझौते की कोशिश का आरोप लगा रही है, वहीं एनसी इस आरोप को सिरे से खारिज कर रही है। उमर अब्दुल्ला के “कुरान की कसम” वाले बयान ने इस विवाद को और तूल दे दिया है, जिससे राज्य की सियासत में नई बहस छिड़ गई है।
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