Online Gaming Bill: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025 पेश किया। विपक्ष के हंगामे के बीच पीसी मोहन की अध्यक्षता में सदन की कार्यवाही बिल पेश होने के तुरंत बाद दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। कैबिनेट ने मंगलवार को विधेयक को मंजूरी दी थी।
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ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग पर पूर्ण प्रतिबंध
सरकार ने बताया कि बिल के तहत पैसे के इस्तेमाल से खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। इन गेम्स के कारण बच्चों और युवाओं में लत लगती है और वित्तीय नुकसान के साथ आत्महत्या जैसी घटनाओं की आशंका रहती है। अनुमान है कि हर साल 45 करोड़ लोग ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग में लगभग 20,000 करोड़ रुपये गंवाते हैं।
उल्लंघन पर सजा का प्रावधान
मसौदे के अनुसार, कानून का उल्लंघन करने वाले गेम ऑपरेटर को तीन साल तक की जेल या ₹1 करोड़ तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। विज्ञापन करने वाले प्लेटफॉर्म को दो साल की जेल और/या ₹50 लाख तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। वित्तीय संस्थान जो लेनदेन की सुविधा देंगे, उन्हें भी इसी तरह की सजा का सामना करना होगा। बार-बार अपराध करने पर तीन से पांच साल की जेल और अधिक जुर्माने का प्रावधान है।
विधेयक में गेम खेलने वाले लोगों को अपराधी नहीं, बल्कि पीड़ित माना गया है। कानून का उद्देश्य मुख्य रूप से गेमिंग प्लेटफॉर्म और वित्तीय संस्थानों को जिम्मेदार ठहराना है।
नियामक प्राधिकरण का गठन
विधेयक में एक वैधानिक नियामक प्राधिकरण की स्थापना का प्रस्ताव है। प्राधिकरण यह तय करेगा कि कोई गेम ऑनलाइन मनी गेम के रूप में योग्य है या नहीं। सभी प्लेटफार्मों को इसके नियमों का पालन करना होगा।
ई-स्पोर्ट्स और कौशल आधारित गेम्स पर छूट
विधेयक में ई-स्पोर्ट्स और कौशल आधारित मनोरंजन गेम्स को मनी गेम नहीं माना गया है। इनमें मौद्रिक दांव शामिल नहीं होते। इसका उद्देश्य जुआ, वित्तीय शोषण, मानसिक स्वास्थ्य जोखिम और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी अवैध गतिविधियों से निपटना है।
उद्योग की प्रतिक्रिया और चेतावनी
ऑनलाइन गेमिंग उद्योग ने विधेयक पर चिंता जताई। ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन, ई-गेमिंग फेडरेशन और फैंटेसी स्पोर्ट्स फेडरेशन ने चेतावनी दी कि यह बिल 2 लाख से अधिक नौकरियां समाप्त कर सकता है और 400 से अधिक कंपनियों को बंद करवा सकता है। उन्होंने कहा कि वैध प्लेटफॉर्म बंद होंगे और उपयोगकर्ता अवैध ऑपरेटरों की ओर मुड़ेंगे।
भारत में गेमिंग उद्योग का महत्व
देश में गेमर बेस 2020 में 36 करोड़ से बढ़कर 2024 में 50 करोड़ हो गया है। यह क्षेत्र 20% सीएजीआर से बढ़ रहा है और 2028 तक दोगुना होने का अनुमान है। विदेशी निवेश जून 2022 तक 25,000 करोड़ रुपये पार कर चुका है। सरकार का कहना है कि विधेयक के माध्यम से इस क्षेत्र को नियंत्रित करते हुए, ई-स्पोर्ट्स और वैध गेमिंग विकास को बढ़ावा मिलेगा।
