Online Scam: आज के समय में ऑनलाइन शॉपिंग करना लोगों को बेस्ट ऑप्शन लगता है, शॉप पर जाकर लेने से अच्छा है फोन में बस एक क्लिक करो और सामान दरवाजे तक, कहीं न कही ये विकल्प आपके लिए अच्छा और आसान भी है लेकिन कभी-कभी इसमें चूक देखने को मिलती है। ऐसा ही एक मामला कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से सामने आया है, यहां ऑनलाइन शॉपिंग का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है।
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जानें क्या है पूरा मामला…
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेज़न (Amazon) से लगभग 1.86 लाख रुपये का Samsung Galaxy Z Fold 7 स्मार्टफोन खरीदा। लेकिन डिलीवरी पैक खोलते ही उसके पैरो तले जमीन खिसक गई। दरअसल, महंगे स्मार्टफोन की जगह बॉक्स के अंदर एक सफेद टाइल का टुकड़ा निकला।
अनबॉक्सिंग वीडियो रिकॉर्ड करते ही…
पीड़ित युवक की पहचान येलाचेनहल्ली निवासी प्रेमानंद के रूप में हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रेमानंद ने 14 अक्टूबर को अमेज़न से यह फोन ऑर्डर किया था और अपने क्रेडिट कार्ड से पूरा भुगतान किया। उसे उम्मीद थी कि कुछ ही दिनों में उसका नया फोन उसके हाथ में होगा।
ऑर्डर की डिलीवरी 19 अक्टूबर की शाम करीब 4:16 बजे हुई। खुशी-खुशी पैकेज खोलने से पहले प्रेमानंद ने पूरा अनबॉक्सिंग वीडियो रिकॉर्ड करना शुरू किया ताकि सोशल मीडिया पर साझा कर सके। लेकिन जैसे ही बॉक्स खुला, उसके सामने हाई-एंड फोन के बजाय एक साधारण टाइल का टुकड़ा पड़ा था।
तुरंत की शिकायत
इस घटना के तुरंत बाद प्रेमानंद ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद वह स्थानीय कुमारस्वामी लेआउट पुलिस स्टेशन पहुंचे, जहां उन्होंने औपचारिक एफआईआर (FIR) दर्ज करवाई।
पुलिस ने दर्ज की FIR
पुलिस के अनुसार, यह मामला एक संगठित ऑनलाइन धोखाधड़ी जैसा लग रहा है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता (IPC) की धारा 318(4) (धोखाधड़ी), धारा 319 (छद्मवेश धारण कर धोखाधड़ी), और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66D (कंप्यूटर संसाधनों का उपयोग कर धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती जांच में यह साफ हुआ है कि प्रेमानंद का ऑर्डर अमेज़न प्लेटफॉर्म पर वैध था और भुगतान भी सही माध्यम से किया गया था। अब यह जांच की जा रही है कि धोखाधड़ी किस स्तर पर हुई।
साइबर सेल भी कर रही है जांच में मदद
पुलिस ने मामले को साइबर सेल को भी सौंप दिया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि ऑर्डर प्रोसेसिंग या पैकेजिंग के दौरान कोई मैनिपुलेशन या रिप्लेसमेंट तो नहीं हुआ। अमेज़न से भी इस मामले में आवश्यक डिलीवरी लॉग्स और सर्विलांस डेटा मांगा गया है।
